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ठंडी आबोहवा में होने वाला बेहद खूबसूरत फूल लिलियम की खेती अल्मोड़ा में जिन किसानों ने शुरू की, लॉकडाउन की वजह से उनकी फसल चौपट हो गई. COVID-19 की वजह से उन्हें बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है.
लिलियम की अच्छी डिमांड
लिलियम ठंडी आबोहवा में होने वाला बेहद खूबसूरत फूल होता है. देश भर में कंदीय फूलों में ट्यूलिप के बाद लिलियम ही एक ऐसा फूल है जिसकी मांग अच्छी खासी है. इसलिए पहाड़ के युवा भी लिलियम की खेती करने लगे हैं.
लेकिन लॉकडाउन ने फूलों के साथ किसानो के मुंह भी सुखा दिए हैं. काश्तकार दिनेश रावत का कहना है कि लिलियम के फूल के लिए बल्ब सहित अन्य तैयारियों में उन्होंने दो लाख 80 हजार रुपये खर्च किए थे. लॉकडाउन की वजह से सारी मेहनत और सारे पैसे डूब गए.दिनेश ने पहली बार ही लिलियम की खेती की शुरुआत की थी. वह अब दोबारा काम शुरु करना चाहते हैं और इसके लिए प्रशासन और सरकार से मदद की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि उन्हें कुछ आर्थिक मदद मिल जाती ताकि वह दोबारा लिलियम की खेती कर सकें.
नुक़सान नहीं होने देंगे
अल्मोड़ा के ज़िलाधिकारी नितिन भदौरिया ने कहा कि वह धौलादेवी ब्लॉक को लिलियम के लिए प्रसिद्ध करवाना चाहते है. ग्राम्य परियोजना की मदद से किसानों से खेती करवाना शुरु किया था लेकिन बाजार शून्य होने से दिक्कत बढ़ी है. अब फिर से उत्पादन किया जाएगा. भदौरिया ने कहा कि प्रशासन किसानों को नुकसान नहीं होने देगा और उनकी मदद की जाएगी.
बेरोज़गारों के लिए लिलियम की खेती शानदार काम है, किसान इससे लाखों कमा सकते हैं. हालांकि जिन किसानों के लिलियम के फूल अप्रैल, मई और जून गर्मी के सीजन के हिसाब से तैयार हुई थी उन्हें लाखों का नुकसान हुआ है. और बहुत से जानकार बता रहे हैं कि पहली बार में ही अगर किसानों को लाखों का नुक़सान हो जाए तो उनका उबरना मुश्किल हो सकता है.
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