[ad_1]
10% भी सैंपलिंग नहीं
स्वास्थ्य विभाग ने 6 जुलाई को टिहरी और रुद्रप्रयाग में एक्टिव केस शून्य हो जाने को लेकर अलग से मैसेज जारी कर इसे एक उपलब्धि की तरह दिखाया है लेकिन प्रदेश भर की तरह इन दोनों प्रदेशों में भी टेस्टिंग पर्याप्त नहीं की गई है.
रुद्रप्रयाग में 2033 लोगों के सैंपल लिए गए थे जिनमें से 66 कोरोना पॉज़िटिव पाए गए थे और राहत की बात है कि 65 ने रिकवर कर लिया है और एक की मृत्यु हुई है. लेकिन सैंपलिंग की दर 10 फ़ीसदी भी नहीं रही क्योंकि लॉकडाउन के बाद रुद्रप्रयाग में कुल 29,279 प्रवासी पहुंचे हैं.इसी तरह टिहरी 54,688 प्रवासी (एक मार्च से) पहुंचे हैं और 7 जुलाई तक कुल 4,305 सैंपल ही लिए जा सके थे. यहां भी यह 10% से कम रहे. 7 जुलाई को इनमें से 421 पॉज़िटिव पाए गए थे. एक व्यक्ति 7 को ही पॉज़िटिव मिला. 418 ठीक हो चुके हैं और दो लोगों की मृत्यु हो गई है.
प्रदेश की सैंपलिंग दर
हालांकि प्रदेश की सैंपलिंग दर भी बहुत अच्छी नहीं है. वैसे प्रदेश की तुलना हम इन ज़िलों से नहीं देश की टेस्टिंग दर से करेंगे. उत्तराखंड में प्रति दस लाख टेस्टिंग दर 0.72% है यानी कि 10 लाख लोगों में से 7236 के सैंपल लिए गए हैं. 6 जुलाई तक उत्तराखंड की कुल आबादी 1.10 करोड़ में से कुल 79605 सैंपल ही लिए गए थे.
देश से दूर नहीं
हालांकि प्रदेश के लिए राहत की बात यह है कि वह देश की तुलना में बहुत पिछड़ा हुआ नहीं है. देश की 135 करोड़ की आबादी में से सिर्फ़ 1.02 करोड़ की टेस्टिंग की गई है जो प्रति 10 लाख में औसतन 7400 या 0.76% है.
उत्तराखंड के लिए चिंता की बात यह है कि एक बार फिर प्रदेश में पेंडिंग केसों की संख्या बढ़ने लगी है. 6 जुलाई को यह 6109 थी यानी छह हज़ार से ज़्यादा सैंपल्स के रिज़ल्ट आने का इंतज़ार था. यह भी बताना ज़रूरी है कि प्रदेश में दो प्राइवेट लैब मिलाकर 13 लैब कोविड-19 के टेस्ट कर रही हैं.
टेस्टिंग बढ़ेगी लेकिन कब?
उत्तराखंड का स्वास्थ्य विभाग एक बार फिर टेस्टिंग कैपेसिटी बढ़ाने की बात कर रहा है लेकिन उसके पास कोई डेडलाइन नहीं है. स्वास्थ्य महानिदेशक अमित उप्रेती के अनुसार टेस्टिंग बढ़ाने के लिए प्राइवेट लैब्स से आवेदन मांगे गए हैं लेकिन यह प्रक्रिया कब तक पूरी होगी इसके बारे में कुछ पता नहीं है.
इससे पहले 19 जून को सरकार ने टेस्टिंग बढ़ाने के लिए तीन इंपोर्टेड मशीनें खरीदने के लिए 11.25 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की थी जिससे टेस्टिंग की क्षमता मौजूदा के दोगुनी से ज़्यादा हो जाएगी. लेकिन दिक्कत यहहै कि अब भी इन मशीनों के आने में महीने भर से और समय लग सकता है.
[ad_2]
Source