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मामले में पुलिस की लापरवाही भी देखने को मिली. घटना के तकरीबन एक महीने बाद दिल्ली महिला आयोग के हस्तक्षेप के बाद बस कंडक्टर और ड्राइवर के खिलाफ गैर इराद्तना हत्या का मामला दर्ज किया गया.
15 जून की घटना
घटना 15 जून की है. सर्वेश कुमारी पत्नी सुशील कुमार निवासी गांव नगला हीरा सिंह थाना शिकोहाबाद फिरोजाबाद नोएडा से रोडवेज बस यूपी 85 एएफ 9965 में बैठ कर गांव जा रही थी. बताया जा रहा है कि अंशिका को घबराहट हुई तो मां ने उसे गोद में लिटा लिया. जिसे देखकर कंडक्टर ने कहा कि उसे कोरोना है. इसके बाद अन्य यात्री भी यही कहने लगे. कंडक्टर ने दोनों बस नीचे उतरने को कहा. लेकिन मां ने उतरने से मन कर दिया. इसके बाद कंडक्टर ने अंशिका पर कंबल डाल दिया. कंबल से ढ़ककर उसके पैर खींचते हुए बस से नीचे फेंक दिया. सिर में चोट लगने की वजह से अंशिका की मौत हो गुई.
दिल्ली महिला आयोग की नोटिस के बाद मामला आया सामनेमामला तब सामने आया जब दिल्ली महिला आयोग ने यूपी पुलिस को मामले में कार्रवाई रिपोर्ट पेश करने को कहा. इसके बाद जांच के निर्देश दिए गए. उधर परिवार ने बताया कि उन्होंने पहले मथुरा पुलिस से शिकायत की थी लेकिन मामले में कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई और इसे प्राकृतिक मौत करार दिया गया. मामले में दिल्ली महिला आयोग का नोटिस मिलने पर एसएसपी डॉ गौरव ग्रोवर ने एसपी ग्रामीण श्रीशचंद्र ने मामले की जांच सौंपी है. एसपी ग्रामीण ने मांट टोल पर आकर युवती की मौत के मामले में टोलकर्मियों के बयान दर्ज किए हैं. इंस्पेक्टर भीम सिंह जावला ने बताया कि मृतका की मां की तहरीर पर बस के परिचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.
अपराधियों को गिरफ्तार करने की मांग
दिल्ली महिला आयोग की चेयरपर्सन स्वाति मालिवाल ने मथुरा एसएसपी को नोटिस जारी कर मामले की विस्तृत जानकारी मांगी थी. स्वाति मालिवाल ने अपने लेटर में मामले को गंभीर बताते हुए पुलिस द्वारा अब तक की गई कार्रवाई की जानकारी देने को कहा था. साथ ही उन्होंने ट्वीट किया कि इस इस जघन्य हत्या के अपराधियों को गिरफ्तार किया जाना चाहिए.
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