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मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत (Trivedra Singh Rawat) ने बीते फरवरी में पीएम मोदी और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात कर मंत्रिमंडल विस्तार की ग्रीन सिग्नल ले ली थी. उन्होंने न्यूज़ 18 से मॉर्च महीने में मंत्रिमंडल विस्तार की बात कही थी, लेकिन कोरोना वायरस (Corona Virus) की वजह से ऐसा हो न सका
देखा जाए तो मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने फरवरी महीने में दिल्ली जा कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी नड्डा से मुलाकात की थी.
उत्तराखंड सरकार में तीन मंत्री पद खाली हैं जिसे भरने को लेकर समय-समय पर कयास लगते रहते हैं. इसकी मांग भी होती रहती है लेकिन आज तक यह पद भरे नहीं जा सके. उत्तराखंड में विधानसभा की 70 सीटें हैं. संवैधानिक प्रवधान के अनुसार यहां मंत्रिमंडल का आकार मुख्यमंत्री सहित 12 सदस्यों का हो सकता है. मार्च 2017 में जब प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनी तो मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत सहित नौ लोगों ने पद और गोपनीयता की शपथ ली थी. उस समय दो सीटें खाली रह गईं थीं जिसके भरने को लेकर समय-समय पर मांग उठती रही. इस बीच पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्य के वित्त मंत्री प्रकाश पंत के असमय निधन से मंत्रिमंडल में एक सीट रिक्त हो गई.
प्रकाश पंत के पास वित्त, आबकारी, पेयजल विभाग की जिम्मेदारी थी जो अब मुख्यमंत्री के पास है. समय और हालात को देखते हुए संगठन और सरकार के भीतर से यह मांग उठती रही कि मंत्रिमंडल का विस्तार हो जाना चाहिए. बढ़ती मांग को देखते हुए सीएम त्रिवेंद्र ने बीते फरवरी में पीएम मोदी और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात कर मंत्रिमंडल विस्तार की ग्रीन सिग्नल ले ली थी. उस समय खुद मुख्यमंत्री ने न्यूज़ 18 से मॉर्च महीने में मंत्रिमंडल विस्तार की बात कही थी, लेकिन कोरोना वायरस की वजह से ऐसा हो न सका.देखा जाय तो मंत्रिमंडल विस्तार में कोरोना की दस्तक ने सबसे बड़ा रोड़ा अटकाने का काम किया. इस वजह से मंत्रिमंडल विस्तार सहित तमाम कार्यों पर ब्रेक लग गया. बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट हों या वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष बंशी धर भगत वो कह रहे हैं कि मंत्रिमंडल का विस्तार जल्द होगा. अब मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर देहरादून से दिल्ली तक सरगर्मियां तेज होने के बाद मंत्री बनने के लिए बीजेपी के कई विधायकों ने दिल्ली में लॉबिंग तेज कर दी है.
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