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ऑडियो (Audio) के सामने आने के बाद दरोगा केके शर्मा और सिपाही राजीव चौधरी को सस्पेंड कर दिया गया है. इससे पहले एसएसपी दिनेश कुमार शर्मा ने चौबेपुर एसओ विनय तिवारी और दरोगा कुंवर पाल को भी निलंबित किया था.
इस कॉल रिकॉर्डिंग के आधार पर सस्पेंड किए गए
शाम 5:30 बजे दरोगा केके शर्मा से विकास दुबे की बातचीत हुई थी. इसके बाद रात 12:11 पर सिपाही राजीव चौधरी से विकास दुबे की बातचीत हुई. रात 1 बजे बाद पुलिस की दबिश पड़ी थी. पता चला है कि विकास ने राजीव से कहा था कि आज पुलिस से निपट लेंगे. इसी ऑडियो के बाद दरोगा केके शर्मा और सिपाही राजीव चौधरी सस्पेंड किए गए हैं.
शाम को दरोगा से और दबिश से पहले सिपाही से की थी बात
न्यूज18 को मिली जानकारी के मुताबिक, अब तक की जांच में एसटीएफ को जो सबूत मिले हैं, उसमें दरोगा केके शर्मा की शाम साढ़े पांच बजे विकास दुबे से बात हुई थी. इसके बाद दबिश से ठीक पहले सिपाही राजीव चौधरी ने रात 12.11 बजे विकास दुबे को फोन किया और दबिश की पूरी सूचना दी. इतना ही नहीं, इस सूचना के बाद विकास ने राजीव से कहा था कि आज पुलिस से निपट लेंगे. इसी के बाद साढ़े 12 बजे और 1 बजे के बीच पुलिस दबिश देने के लिए विकास दुबे के घर पहुंची, जहां पहले से ही घात लगाकर बैठे विकास और उसके गुर्गों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी.
इनसे पहले ये हो चुके हैं निलंबित
इस ऑडियो के सामने आने के बाद दरोगा केके शर्मा और सिपाही राजीव चौधरी को सस्पेंड कर दिया गया है. इससे पहले एसएसपी दिनेश कुमार शर्मा ने चौबेपुर एसओ विनय तिवारी और दरोगा कुंवर पाल को भी निलंबित किया था. दरअसल, पूरे मामले में अब तक की जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि दबिश की मुखबिरी पुलिस विभाग से ही की गई थी.
अभी तक फरार है विकास दुबे
घटना के चार दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस और एसटीएफ फरार विकास दुबे को गिरफ्तार नहीं कर पाई है. पुलिस की 100 से ज्यादा टीमें सूबे व आस-पास के राज्यों में लगातार दबिश दे रही हैं, लेकिन विकास दुबे का कोई सुराग नहीं मिल रहा है. पुलिस ने आशंका जाहिर की है कि विकास दुबे मध्य प्रदेश के ग्वालियर में छुपा हो सकता है. लिहाजा, मध्य प्रदेश की पुलिस को भी हाई अलर्ट पर कर दिया गया है. लेकिन, बड़ा सवाल यही है कि विकास दुबे को धरती निगल गई या आसमान खा गया?
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