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प्रभात ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि कानपुर घटना के फौरन बाद विकास दुबे (Vikas Dubey) और अमर के साथ वे लोग कानपुर के शिवली में 2 दिन तक छिपे रहे. इसके बाद औरैया तक पहुंचे और एक बस में बैठकर दिल्ली के बदरपुर पहुंचे.
दो दिन बाद गाड़ी से पहुंचे औरैया और यहां से दिल्ली की बस
प्रभात ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि घटना के फौरन बाद विकास दुबे और अमर के साथ वे लोग कानपुर के शिवली पहुंचे. यहां वे एक जगह 2 दिन तक छिपे रहे. इसके बाद उन्होंने एक जानने वाले शख्स की गाड़ी ली और औरैया तक पहुंचे. यहां पेट्रोल पंप के पास उन्होंने गाड़ी छोड़ दी और फिर एक बस में बैठकर दिल्ली के बदरपुर पहुंचे. यहां उन्होंने एक रात एक होटल में गुजारी और उसके बाद फ़रीदाबाद में अंकुर मिश्रा के घर पहुंचे. दरअसल अंकुर मिश्रा का परिवार विकास दुबे का रिश्तेदार है. लेकिन 7 जुलाई को किसी तरह यहां पुलिस ने रेड कर दी. लेकिन विकास तब तक वहां से निकल चुका था.
फरीदाबाद में रेड से पहले ही फरार हुआ विकास दुबेबताया जाता है कि जो सीसीटीवी फुटेज सामने आया, उसमें विकास ही था. इसके बाद पुलिस ने घेराबंदी की लेकिन विकास हाथ नहीं लगा. मास्क और गमछा पहने होने की वजह से लोग विकास को रास्ते मे पहचान नहीं पाए. पुलिस ने जांच का दायरा दिल्ली-एनसीआर तक बढ़ा दिया.
बता दें कि आखिरी बार मंगलवार को दिल्ली से सटे हरियाणा के फरीदाबाद में एक होटल में देखा गया था. लेकिन जब पुलिस वहां छापा मारने पहुंची तो वह वहां से निकल चुका था. बुधवार को पुलिस ने फरीदाबाद से three लोगों को गिरफ्तार किया गया है. प्रभात मिश्रा, अंकुर और पिता श्रवण, विकास दुबे के साथी थे. इनके पास चार पिस्तौल भी बरामद की गई थी.
प्रभात मिश्रा एनकाउंटर में मारा गया
इसके बाद प्रभात मिश्रा को पुलिस गुरुवार को ट्रांजिट रिमांड पर कानपुर ला रही थी, जिस दौरान उनके बीच एनकाउंटर शुरू हो गया. जिसमें गोली लगने से प्रभात की मौत हो गई. पुलिस ने जानकारी दी कि उसकी गाड़ी का टायर पंक्चर हो गया था, जिसे ठीक किया जा रहा था, इसी दौरान प्रभात ने एक पुलिसकर्मी से रिवॉल्वर छीनकर पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी. उसने कई राउंड फायरिंग की. पुलिस ने उसे जवाबी कार्रवाई में मार गिराया.
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