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गोपालगंज (Gopalganj) को चंपारण, सारण और इसके साथ तिरहुत के कई जिलों से जोड़ने का यह अतिमहत्वकांक्षी पुल था. इसके निर्माण में करीब 264 करोड़ की लागत आई थी.
गोपालगंज को चंपारण, सारण और इसके साथ तिरहुत के कई जिलों से जोड़ने का यह अतिमहत्वकांक्षी पुल था. इसके निर्माण में करीब 264 करोड़ की लागत आई थी. जाहिर है उद्घाटन के महज 30 दिन में ही इस पुल के पहुंच पथ के ध्वस्त हो जाने से नीतीश सरकार की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. इसके साथ ही सियासत गर्म हो गई है.
बता दें कि इस खबर को सबसे पहले न्यूज 18 ने प्रकाशित किया था. ‘प्लूरल्स’ पार्टी की प्रमुख पुष्पम प्रिया चौधरी ने भी इस पुल के टूट जाने पर न्यूज 18 पर छपी खबर को शेयर करते हुए अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, ‘विश्वास का सेतु’ टूट रहा है…’
‘विश्वास का सेतु’ टूट रहा है….https://t.co/rUs1a74gMF
— Pushpam Priya Choudhary (@pushpampc13) July 15, 2020
इसके ध्वस्त होने पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी नीतीश सरकार पर निशाना साधा है. तेजस्वी ने अपने ट्वीट में लिखा, 263 करोड़ से eight साल में बना लेकिन मात्र 29 दिन में ढह गया पुल. संगठित भ्रष्टाचार के भीष्म पितामह नीतीश जी इस पर एक शब्द भी नहीं बोलेंगे और न ही साइकिल से रेंज रोवर की सवारी कराने वाले भ्रष्टाचारी सहपाठी पथ निर्माण मंत्री को बर्खास्त करेंगे. बिहार में चारों तरफ लूट ही लूट मची है.
263 करोड़ से eight साल में बना लेकिन मात्र 29 दिन में ढ़ह गया पुल। संगठित भ्रष्टाचार के भीष्म पितामह नीतीश जी इस पर एक शब्द भी नहीं बोलेंगे और ना ही साइकिल से रेंज रोवर की सवारी कराने वाले भ्रष्टाचारी सहपाठी पथ निर्माण मंत्री को बर्खास्त करेंगे। बिहार में चारों तरफ लूट ही लूट मची है। pic.twitter.com/EIcQYPEHn8
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) July 16, 2020
बता दें कि सीएम नीतीश कुमार ने इस महासेतु के निर्माण की आधारशिला वर्ष 2012 में रखी थी. इसे बनाने में three वर्षो का समय निर्धारित किया गया था, लेकिन भूमि सम्बन्धी मामले और अन्य अड़चनों की वजह से एक लंबा वक्त लगा. बीते 16 जून को सीएम नीतीश कुमार ने इस महासेतु का उद्घाटन किया था.
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