[ad_1]
पटना:
बिहार (Bihar) में भाजपा (BJP) ने सुशील मोदी (Sushil Modi) के बिना अब भविष्य की रणनीति (Future Strategy) बनानी शुरू कर दी है. भारतीय जनता पार्टी अब बिहार में अपने दिग्गज नेता सुशील मोदी, नंद किशोर यादव और प्रेम कुमार जैसे वरिष्ठ नेताओं के बिना चलेगी. इसकी एक झलक पिछले तीन दिनों से वैशाली की समीक्षा बैठक में देखने को मिली. वहां बिहार भाजपा (Bihar BJP) के पर्याय ये तीनों नेता नदारद थे.
यह भी पढ़ें
हालांकि पार्टी के नेताओं की मानें तो इन वरिष्ठ नेताओं को इस बैठक में आमंत्रित नहीं किया गया था. पार्टी के महासचिव और बिहार के प्रभारी भूपेन्द्र यादव ने ट्वीट कर ख़ुद इस बैठक के बारे में जानकारी दी थी कि, ”भाजपा, बिहार की महामंत्री बैठक वैशाली में हुई. बैठक में 2021 में बिहार बीजेपी की आगे की कार्ययोजना पर चर्चा हुई. पार्टी के सक्रिय सदस्य सम्मेलन, जिला कार्यालयों का प्रबंधन,नए वर्गों को पार्टी से जोड़ना, स्थानीय चुनावों में पार्टी सदस्यों की सक्रिय भागीदारी जैसे विषयों पर चर्चा हुई.”
लेकिन सुशील मोदी जिन्हें इस बार उप मुख्य मंत्री नहीं बनाया गया उन्हें राज्यसभा की सदस्यता उनके कद के मद्देनज़र दी गई. और नंद किशोर यादव और प्रेम कुमार के मंत्रिमंडल विस्तार में मंत्री बनने की संभावना बहुत कम है क्योंकि पार्टी अब नए चेहरों को मौका देना चाहती है.
हालांकि भूपेन्द्र यादव अपने मनपसंद केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय को उप मुख्यमंत्री बनवाने में पिछले महीने सफल नहीं हुए. और जो दो लोग, तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी उप मुख्यमंत्री बने वे सुशील मोदी के करीबी माने जाते हैं. लेकिन इनके अलावा जिन लोगों को मंत्रिमंडल में अब तक भाजपा कोटे से जगह मिली है वे पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व की पसंद रहे हैं.
माना जा रहा है कि भविष्य में बिहार भाजपा के अधिकांश फ़ैसले दिल्ली में बैठे नेता लेंगे. साथ ही आरएसएस का मार्गदर्शन अब अधिकांश फ़ैसलों में लिया जाएगा. इसके साथ ही भाजपा अब राज्य की सभी विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी करेगी. पार्टी का प्रयास होगा कि मंत्रिमंडल विस्तार के पूर्व नीतीश कुमार कुछ महत्वपूर्ण विभाग जैसे शिक्षा और जल संसाधन भी उनके मंत्रियों को देने के लिए अपनी सहमति दें.
[ad_2]
Source hyperlink