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बिहार में कोरोना (Corona) के बढ़ते मामले को देखते हुए चुनाव (Bihar Assembly Election) टालने की मांग उठने लगी है. इसको लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष में वार-पलटवार का दौर शुरू हो गया है.
दरअसल जैसे-जैसे कोराना का मामला बिहार में बढ़ता जा रहा है, वैसे- वैसे सियासी पार्टियां चुनाव टालने की वकालत में जुट गई हैं. खासकर विपक्षी चुनाव टालना चाहते हैं. आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने सबसे पहले चुनाव टालने की बात की. उनके बाद लोजपा सुप्रीमो चिराग पासवान ने भी तेजस्वी के सुर में सुर मिलाते हुए इसकी वकालत की.
मंत्री ने साधा निशाना
तेजस्वी और चिराग की इस मांग पर निशाना साधते हुए मंत्री महेश्वर हजारी ने दोनों नेताओं को बिहार की सियासत का कमजोर विद्यार्थी बता दिया.उधर हम प्रवक्ता दानिश रिजवान ने भी चिराग और तेजस्वी पर हमला बोलते हुए कहा कि जब तैयारी नहीं है तो फिर परीक्षा देने की क्या जरूरत है. कमजोर छात्र हैं तो जरा और मेहनत कर लें.
लोजपा- आरजेडी ने किया पलटवार
पलटवार करते हुए लोजपा विधायक राजू तिवारी ने कहा कि चिराग पासवान होनहार विद्यार्थी हैं. और वो किसी परीक्षा से डरते नहीं. लेकिन जब बात बिहार की जनता की आती है, तो वो बिहार की जनता का हित सबसे पहले देखते हैं.
राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि तेजस्वी यादव छात्र नहीं बल्कि टीचर हैं, जो कमजोर छात्रों को पास कराते हैं. नीतीश कुमार को ये अच्छे से पता है. तेजस्वी किसी भी परीक्षा से डरते नहीं है, लेकिन उन्हें चिंता जनता की है, इसलिए चुनाव टालना चाहते हैं.
हालांकि इस वार-पलटवार से बीजेपी ने खुद को दूर कर लिया है. पार्टी का कहना है कि चुनाव को लेकर जो भी फैसला होगा, वह चुनाव आयोग के द्वारा होगा.
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