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संध्या आरती का समय होते ही प्रभु श्रीराम के भजन बजने लगे. हर ओर श्री राम चंद्र कृपालु भज मन, श्री राम जय राम जय जय राम की गूंज थी . इस बीच हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का भी पाठ चल रहा था . हर गली, हर भवन, हर कोना, हर दिशा तरंगित हो उठी .
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