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धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज (Satpal Maharaj) ने बताया कि केंद्रीय पर्यटन मंत्री प्रह्लाद पटेल को इस बारे में बताया गया तो उन्होंने शीघ्रता दिखाते हुए अनापत्ति (NOC) देने के साथ इन सभी कुंडों के पुर्ननिर्माण के लिए अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है
दरसअल अग्नि कुंड (अमृत कुंड), हंस कुंड, उद्त कुंड और रेत कुंड जो वर्ष 2013 की आपदा में दब गए थे उनके पुनर्निर्माण के लिए कार्यदायी संस्था एएएसआई अपनी सभी तैयारियां पूरी होने का दावा कर रही है. जैसे ही बरसात का मौसम खत्म होगा उसके तुरंत बाद इन सभी पौराणिक कुंडों का निर्माण प्रारंभ कर दिया जाएगा.
अमृत कुंड के जल से भगवान केदरानाथ का अभिषेक किया जाएगा
धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि अमृत कुंड के निर्माण के बाद जल्द ही उसके जल से भगवान श्री केदारनाथ का अभिषेक किया जाएगा. वहीं देहरादून स्थित आईएचएम को भी सेंट्रलाइज करने की प्रक्रिया चल रही है, जिस पर केंद्रीय पर्यटन मंत्री से बातचीत की गई. साथ ही महाभारत सर्किट को प्रसाद योजना में रखे जाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है जिसके तहत जहां-जहां पांडव गए थे, उत्तराखंड का वो पूरा स्थान महाभारत सर्किट के अंतर्गत शामिल किया जाए.उत्तराखंड में पर्यटन विभाग ने लाखामंडल से लेकर केदारनाथ तक का इलाका महाभारत सर्किट के अंतर्गत शामिल किया है. सतपाल महाराज का कहना है कि यदि सर्किट निर्माण हेतु उन्हें धनराशि मिलती है तो वो मोटर कैरावान (टायरों के ऊपर चलता-फिरता कैंप) के माध्यम से पर्यटकों को पूरा सर्किट घुमाने का इंतजाम कर सकते हैं.
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