[ad_1]
बिहार के नरकटियागंज की राष्ट्रीय महिला फुटबॉलर मोनी. वह दो वक्त की रोटी जुटाने के लिए पिता के संग लोगों के कपड़े धो रही हैं. नदी घाट पर कपड़े धोना, उन्हें सुखाना और इस्त्री करना उनकी दिनचर्या में शामिल हो गया है.
परिवार की माली हालत अच्छी नहीं
पर इन दिनों मोनी अपने पिता के साथ लोगों के कपड़े धो रही हैं. घाटों पे कपड़ों की धुलाई करती हैं और पिता के साथ घर पहुंच कर कपड़ों पर इस्त्री भी करती हैं. मोनी का कहना है कि नियमित रूप से सुबह वह घर पर अभ्यास करती हैं. परिवार की माली हालत अच्छी नहीं है. चार भाई-बहनों के बीच पिता की कमाई पर परिवार की परवरिश मुश्किल होते देख सोनी ने पुश्तैनी धंधे में हाथ बंटाना शुरू किया. वह कहती हैं कि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में स्वच्छता बहुत बड़ी चीज है. इस धंधे के माध्यम से लोगों को स्वच्छ रखने में शकुन भी मिलता है. साथ ही परिवार की माली हालत को सुधारने में सहयोग का अवसर भी. बता दें कि खिलाड़ी मोनी कुमारी नगर के हरदिया चौक के रहनेवाले प्रमोद बैठा की दूसरी संतान हैं.
नहीं मिली है कोई सरकारी मददमोनी के कोच और नरकटियागंज टाउन क्लब के सचिव सुनील वर्मा बताते हैं कि मोनी काफी प्रतिभावान खिलाड़ी है. लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण उसे कई तरह की समस्याओं से जूझना पड़ता है. सुनील वर्मा ने बताया कि नरकटियागंज की महिला फुटबॉलरों को स्थानीय लोगों का तो सहयोग मिलता है, लेकिन आज तक किसी जनप्रतिनिधि या पदाधिकारी ने कोई सहयोग नहीं किया, न ही सरकार के पास गरीब प्रतिभावान खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने की कोई योजना है.
[ad_2]
Source