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यूपी में ब्राह्मणों के खिलाफ हो रहे अत्याचार को लेकर आवाज उठा रहे कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद (Jitin Prasada) ने बसपा सुप्रीमो मायावती (Mayawati) के उस ट्वीट पर आभार जताया है, जिसमें उन्होंने विकास दुबे एनकाउंटर को लेकर सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाया है.
जितिन प्रसाद ने मायावती के ट्वीट को कोट करते हुए लिखा है कि, ” मायावती जी आपने हमारे समाज के बारे में जो अपनी बात रखी है, उसके लिये मैं अपने समाज की ओर से आपका आभार व्यक्त करता हूं.”
मायावती जी आपने हमारे समाज के बारे में जो अपनी बात रखी है, उसके लिये मैं अपने समाज की ओर से आपका आभार व्यक्त करता हूँ। https://t.co/WNT18KMY7M
— Jitin Prasada जितिन प्रसाद (@JitinPrasada) July 12, 2020
मायावती ने कही थी ये बात
ब्राह्मण वोट बैंक के आड़ में शुरू हुई राजनीति के बीच बसपा भी उस वक्त कूद गई जब मायावती ने एक के बाद एक दो ट्वीट कर लिखा, “बीएसपी का मानना है कि किसी गलत व्यक्ति के अपराध की सजा के तौर पर उसके पूरे समाज को प्रताड़ित व कटघरे में नहीं खड़ा करना चाहिए. इसीलिए कानपुर पुलिस हत्याकाण्ड के दुर्दान्त विकास दुबे व उसके गुर्गों के जुर्म को लेकर उसके समाज में भय व आतंक की जो चर्चा गर्म है उसे दूर करना चाहिए. साथ ही, यूपी सरकार अब खासकर विकास दुबे-काण्ड की आड़ में राजनीति नहीं बल्कि इस सम्बंध में जनविश्वास की बहाली हेतु मजबूत तथ्यों के आधार पर ही कार्रवाई करे तो बेहतर है. सरकार ऐसा कोई काम नहीं करे जिससे अब ब्राह्मण समाज भी यहाँ अपने आपको भयभीत, आतंकित व असुरक्षित महसूस करे.”
जितिन ने शुरू की है ब्राह्मण चेतना संवाद की शुरुआत
इससे पहले अपनी सियासी रोटियां सकने के लिए कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद ने विकास दुबे एनकाउंटर के बाद से ही ब्राह्मण चेतना सवांद की शुरुआत कर दी है. इसी क्रम में उन्होंने अपने ट्वीटर हैंडल पर एक वीडियो जारी कर कहा, ” विगत कुछ वर्शूं में एक नियोजित तरीके से हमारे समाज को हाशिए पर पहुंचाने का काम किया जा रहा है. हमारे समाज को दुर्भावना से देखा जा रहा अहै, सौतेला व्यवहार किया जा रहा है. ये समय है जब हम सबको इस चुनौती का सामना करना है. ये हम सबने देखा है कि समाज के कई लोगों की कई हत्याएं हुई. मैं खुद भी बहुत सी जगह पहुंचा और पीड़ित परिवार से मिला. एक ही बात सामने आई न्याय के लिए हमारे समाज के लोगों को दर-दर भटकना पड़ रहा है और कोई सुनने वाला नहीं है. ऐसा महसूस हो रहा है कि सरकार की भावना समाज के प्रति ठीक नहीं है. हमें आपसी मतभेद भुलाकर एक होकर इस चुनौती का सामना करेंगे.”
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