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राहत विभाग के आंकड़ों के मुताबिक उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कुल 246 गांवों में पानी भरा है, जबकि 5 जिले बाढ़ (UP Flood) से प्रभावित हुए हैं. बाढ़ से प्रदेश की 13 हजार 257 हेक्टेयर जमीन प्रभावित हुई है. इसमें 5 हजार 554 हेक्टेयर खेती की जमीन है.
सिंचाई विभाग के अनुसार तकनीकी तौर पर तो प्रदेश में कहीं भी बाढ़ नहीं है. ऐसा इसलिए क्योंकि किसी भी नदी का तटबंध नहीं टूटा है, जिससे जलभराव हुआ हो. जिन जिलों में जलभराव की स्थिति है, वहां ज्यादा बारिश होने के कारण पानी भर गया है. नदियों का जलस्तर ऊंचा होने के कारण पानी निकल नहीं पा रहा है.
ये जिले अब तक बाढ़ से प्रभावित
राहत विभाग के आंकड़ों के मुताबिक यूपी के 5 जिले बाढ़ से प्रबावित हैं. अभी तक कुल 1 लाख 35 हजार लोग बाढ़ से प्रभावित हैं. कुल 246 गांवों में पानी भरा है, जबकि 13 हजार 257 हेक्टेयर जमीन प्रभावित हुई है. इसमें 5 हजार 554 हेक्टेयर खेती की जमीन है.
- बलरामपुर- पानी ने सबसे ज्यादा इसी जिले में परेशानी पैदा की है. बलरामपुर में कुल 34 हजार से ज्यादा लोग इसकी चपेट में आकर कष्ट भोग रहे हैं. 50 गांवों में पानी भरा है. ये जिला निचले इलाके में बसा है. इसलिए चारों तरफ का पानी इसकी ओर पहुंचने से हालात खराब हैं.
- बाराबंकी- लखनऊ से सटा ये जिला यूपी का दूसरा सबसे ज्यादा प्रभावित जिला है. बाराबंकी के 60 गावों के कुल 31 हजार लोग जलजमाव से प्रभावित हैं. 2000 हेक्टेयर खेती की जमीन भी प्रभावित है.
- गोरखपुर- गोरखपुर प्रदेश का तीसरा सबसे ज्यादा प्रभावित जिला है. यहां के 68 गावों के कुल 30 हजार लोग पानी भरने से प्रभावित हुए हैं. लगभग 4 हजार हेक्टेयर खेती भी नष्ट होने की कगार पर है.
- कुशीनगर – चौथा सबसे ज्यादा प्रभावित जिला कुशीनगर है. यहां के कुल 22 गावों की 215 हजार से ज्यादा आबादी बाढ़ के पानी से प्रभावित है. 4 हजार हेक्टेयर से ज्यादा खेती यहां भी प्रभावित हुआ है.
- मऊ – पांचवे नम्बर पर मऊ है. यहां के 9 गावों के 13 हजार लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. खेती को भी नुकसान हुआ है. सिंचाई विभाग के मुताबिक प्रदेश के 75 में से 26 जिलों में जलभराव की स्थिति है. हालांकि ज्यादातर जिलों में हालत अभी खराब नहीं हुई है.
कम होना शुरू हुआ है नदियों का जलस्तर
प्रदेश में 100 से ज्यादा नदियां बहती हैं. इनमें से किसी का भी तटबंध अभी तक नहीं टूटा है. जिन जिलों में बाढ़ जैसे हालात हैं, वहां ज्यादा बारिश के कारण पानी भरा हुआ है. नदियों का जलस्तर बहुत ऊपर होने के कारण पानी निकल नहीं पा रहा है. हालांकि सिंचाई विभाग के मुताबिक ज्यादातर नदियों के जलस्तर में कमी आनी शुरू हुई है. यदि और बरसात नहीं हुई तो जैसे-जैसे नदियों का जलस्तर गिरता जाएगा वैसे-वैसे पानी निकलता जाएगा.
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