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वाराणसी (Varanasi) के सारनाथ स्थित छाही गांव के बुनकर मास्टर बच्चालाल मौर्या ने इस अंगवस्त्र को तैयार किया है. ये खास तौर से पीएम नरेंद्र मोदी के लिए बुना गया है. इस अंगवस्त्र की खासियत ये है कि इसे कैलीग्राफी विधि से बनाया गया है. इसे तैयार करने में 15 दिन का समय लगा है.
15 दिन की कड़ी मेहनत के बाद तैयार किया गया
वाराणसी के सारनाथ स्थित छाही गांव में रहने वाले बुनकर मास्टर बच्चा लाल मौर्या ने इस अंगवस्त्र को तैयार किया है. ये खास तौर से पीएम नरेंद्र मोदी के लिए बुना गया है. इस अंगवस्त्र की खासियत ये है कि इसे कैलीग्राफी विधि से बनाया गया है. बुनकर बच्चा लाल मौर्या ने बताया कि इसे तैयार करने में लगभग 15 दिन का समय लगा है. इस अंगवस्त्र को डिजाइन, नक्शा, पत्ता, ताना बाना, तैयार कर के फिर बुनाई शुरू हुई. इसके साथ ही इस वस्त्र को पीली रंग के ताने से लाल बाना द्वारा हैंडलूम द्वारा बुन कर 22×72 के साइज में बनाया गया है.
वाराणसी के सारनाथ स्थित छाही गांव में रहने वाले बुनकर मास्टर बच्चा लाल मौर्या ने इस अंगवस्त्र को तैयार किया है
काशी से अयोध्या का सदियों का नाता
जीआई विशेषज्ञ रजनीकांत ने बताया कि काशी के अंगवस्त्र से भगवान श्रीराम के उत्सव में शामिल होने पर प्रधानमंत्री जी का अभिनन्दन किया जाए. काशी से अयोध्या का सदियों का नाता है, वह 5 अगस्त को भी चरितार्थ होगा. डॉ रजनीकांत ने बताया कि जीआई उत्पाद और ओडीओपी में शामिल सिल्क के इस अंगवस्त्र में ही सामाजिक समरसता का भाव सर्वोपरि है. शिव और राम के मिलन से पूरे विश्व का कल्याण इस धनुच में निहित है, जो इस अंगवस्त्र पर बुना हुआ है. पीएम नरेंद्र मोदी तक इसे पहुंचाने के लिए बुनकर बच्चालाल व जीआई विशेषज्ञ रजनीकांत इसे वाराणसी के कमिश्नर को सौपेंगे.
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