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सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में दायर याचिका में यूपी पुलिस (UP Police) की भूमिका की जांच करने की मांग के साथ ही विकास दुबे (Vikas Dubey) का एनकाउंटर (Encounter) किए जाने की आशंका जाहिर की गई थी.
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में वकील ने अपनी बात रखते हुए कहा था कि मीडिया रिपोर्ट से ऐसा लग रहा है कि विकास दुबे ने खुद महाकाल मंदिर के गार्ड को इस बात की जानकारी दी थी कि वह कानपुर का विकास दुबे है, जिसे पुलिस ढूंढ रही है. याचिका में बताया गया है कि विकास दुबे को पकड़ा नहीं गया है जबकि उसने एनकाउंटर से बचने के लिए खुद गिरफ्तारी दी है. यही नहीं याचिका में आशंका जताई गई थी कि यूपी पुलिस विकास का एनकाउंटर कर सकती है.
याचिका में इस मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सीबीआई से कराने की भी मांग की गई है. याचिका दाखिल करने वाले वकील ने कहा कि जिस तरह से यूपी पुलिस विकास दुबे के घर, शॉपिंग मॉल व गाड़ियों को तोड़ रही है उसको देखते हुए यूपी पुलिस पर भी एफआईआर दर्ज होनी चाहिए. याचिकाकर्ता ने कहा कि इस पूरे मामले की जांच के लिए एक समय सीमा तय की जाए, जिससे ये तय हो कि विकास दुबे का एनकाउंटर न किया जा सके और उसकी जान बचाई जा सके.इसे भी पढ़ें :- महज 10 मिनट के मुठभेड़ में ढेर हो गया विकास दुबे, देखें वीडियो
भागने की कोशिश में मारा गया विकास दुबे
गौरतलब है कि शुक्रवार सुबह जब यूपी एसटीएफ की टीम विकास दुबे को उज्जैन से ला रही थी तभी उनके काफिले की कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई है. सूत्रों की मानें तो इसके बाद विकास दुबे ने भागने की कोशिश की और मुठभेड़ में मारा गया. जानकारी के मुताबिक, विकास दुबे के शव को मुठभेड़ के बाद हैलट अस्पताल में रखा गया है. एसएसपी और अस्पताल के डॉक्टरों ने विकास दुबे के मारे जाने की पुष्टि की है. कानपुर के आईजी मोहित अग्रवाल ने भी गैंगस्टर विकास दुबे के मारे जाने की पुष्टि कर दी है.
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