[ad_1]
वीएचपी (VHP) के प्रदेश संगठन मंत्री के मुताबिक रामलला के प्रस्तावित मंदिर से परिषद -प्रयागराज और संगम तीनों का सीधा जुड़ाव है. मंदिर निर्माण के लिए सबसे बड़ा आंदोलन वीएचपी ने ही चलाया.
वीएचपी के दो पदाधिकारी संगम का जल लेकर three अगस्त को अयोध्या जाएंगे. वीएचपी के प्रदेश संगठन मंत्री मुकेश जी के मुताबिक मंदिर के भूमिपूजन और शिलान्यास में नदियों के जल की आवश्यकता पड़ती है ऐसे में संगम के जल से भूमिपूजन और शिलान्यास से बेहतर कुछ भी नहीं हो सकता है. हालांकि संगम का जल कौन पदाधिकारी ले जायेंगे उनका नाम अभी तय नहीं है. विश्व हिन्दू परिषद संगम का जल अयोध्या भेजने से पहले एक कार्यक्रम करने की तैयारी में है. जल को किसी रथ पर रखकर उसे प्रयागराज में घुमाने की भी बात चल रही है, ताकि जल के साथ तीर्थराज के लोगों की भावनाएं भी राम की नगरी तक जा सकें.
ये भी पढे़ं- गाजियाबाद में पत्रकार पर हमला, प्रियंका बोलीं- जंगलराज में आमजन कैसे सुरक्षित महसूस करेगा?
वीएचपी के प्रदेश संगठन मंत्री के मुताबिक रामलला के प्रस्तावित मंदिर से परिषद -प्रयागराज और संगम तीनों का सीधा जुड़ाव है. मंदिर निर्माण के लिए सबसे बड़ा आंदोलन वीएचपी ने ही चलाया. इतना ही नहीं वीएचपी के आंदोलन का केंद्र बिंदु हमेशा प्रयागराज ही रहा है. प्रयागराज में संगम के तट पर लगने वाले कुंभ और माघ मेले में होने वाली धर्म संसदों व संत सम्मेलनों में ही मंदिर को लेकर सबसे ज़्यादा फैसले हुए हैं.ऐसे में प्रयागराज और यहां के संगम के जल को वीएचपी के साथ महत्व देना सभी के लिए बेहद गौरवशाली है. उनके मुताबिक प्रयागराज के संगम के साथ ही कुछ दूसरी पवित्र नदियों का जल भी भूमि पूजन में इस्तेमाल किया जाएगा. गौरतलब है कि अयोध्या में रामलला के भव्य मंदिर निर्माण का भूमि पूजन 5 अगस्त को होना है. भूमि पूजन में पीएम नरेंद्र मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ समेत कुछ ख़ास लोगों को बुलाया गया है. पूजन का कार्यक्रम काशी विद्वत परिषद के आचार्यों की देखरेख में होगा.
[ad_2]
Source