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पड़ोसियों को जैसे ही महिला के इस कदम की जानकारी लगी उन्होंने एंबुलेंस (Ambulance) बुलाई और महिला समेत तीनों बच्चों को हल्द्वानी के सोन सिंह जीना बेस अस्पताल में भर्ती कराया. सभी की हालत गंभीर (Critical) बताई जा रही है.
घबरा कर उठाया कदम
काठगोदाम के ब्यूराखाम निवासी ललित कन्नौजिया रेहड़ी-पटरी में व्यवसाय कर परिवार का गुजारा किया करते थे. बीते दिनों ललित को दिल का दौरा पड़ा. इसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां वो कोरोना पॉजिटिव निकले. सोमवार को इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई जिसकी सूचना घर में मिलते ही पत्नी-बच्चों में कोहराम मच गया. इसी घबराहट में महिला ने अपना और बच्चों का जीवन खत्म करने का फैसला ले लिया. परिवार में ललित ही एक मात्र कमाने वाले शख्स थे जिससे परिवार पूरी तरह से टूट गया. बताया जा रहा है कि पहले महिला ने खुद जहर खाया फिर मां की देखा देखी 15 साल की बेटी फिर 11 साल के बेटी और फिर छोटी बेटी ने भी जहर खा लिया.
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महिला के पति ललित कन्नौजिया किसी तरह छोटा-मोटा सामान बेचकर परिवार का गुजारा करते थे. लेकिन परिवार के मुखिया का अचानक दुनिया से चले जाने का गम पत्नी बर्दाश्त नहीं कर सकी. अचानक परिवार के सामने गंभीर आर्थिक संकट आ खड़ा हुआ.
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डॉक्टरों ने कही ये बात
सुशीला तिवारी अस्पताल के मनोवैज्ञानिक डॉ. युवराज पंत कहते हैं कि पारिवारिक के सदस्य की मौत गहरी मानसिक चोट पहुंचाता है. इस समय व्यक्ति एक विशेष तरह की मानसिक स्थिति से गुजरता है जिससे उभरने में हमारे आस-पास के लोग मदद करते हैं. लेकिन कोरोना ने सोशल डिस्टेंसिंग इतनी बढ़ा दी है कि अपना भी अपने के पास खड़ा नहीं हो पा रहा. ऐसे में लोग अकेलापन महसूस कर रहे हैं जिसके कारण लोग आत्महत्या तक के कदम उठा रहे हैं.
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