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मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत (CM Trivendra Singh Rawat) ने कहा कि भगवान राम (Lord Ram) सनातन संस्कृति के प्रतीक हैं. मर्यादा पुरुषोत्तम हैं और मानवता, नैतिकता, प्रेम और सद्भाव के प्रतीक हैं. इसलिए इस दिन सभी श्रद्धा का एक दीपक जलाकर पूरे भारत को प्रकाशमान करें
उन्होंने कहा कि सैकड़ों वर्षों का विवाद खत्म होने के बाद अयोध्या में अब राम मंदिर का शिलान्यास होने जा रहा है. राम मंदिर करोड़ों भक्तों की आस्था से जुड़ा हुआ है. मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान राम सनातन संस्कृति के प्रतीक हैं. मर्यादा पुरुषोत्तम हैं और मानवता, नैतिकता, प्रेम और सद्भाव के प्रतीक हैं. इसलिए इस दिन सभी श्रद्धा का एक दीपक जलाकर पूरे भारत को प्रकाशमान करें.
करोड़ों लोगों की आस्था से जुड़े प्रभु श्रीराम के दिव्य और भव्य मंदिर के निर्माण कार्य का शुभारंभ मा. प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी 05 अगस्त को अयोध्या में करने जा रहे हैं।प्रभु श्रीराम का स्मरण कर कल 05 अगस्त शाम को अपने घरों में एक दीप अवश्य जलाएं। #JaiShriRam #जयश्रीराम pic.twitter.com/OHSQV4Mjkk
— Trivendra Singh Rawat (@tsrawatbjp) August 4, 2020
क्या 2022 में बेड़ा पार लगाएगा राम का नाम?
अयोध्या में भगवान राम का मंदिर बनने की तैयारियों से बीजेपी खुश है. लेकिन वर्ष 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी की वापसी में राम नाम का जप कितना काम आएगा यह तो वक्त बताएगा. यही वजह है कि हरिद्वार से बीजेपी विधायक और मंत्री मदन कौशिक इसे हिंदुत्व का एजेंडा तो बता रहे हैं लेकिन राजनीतिक एजेंडा नहीं.
वहीं कांग्रेस 2022 में वापसी की पूरी उम्मीद लगाए बैठी है और भगवान राम को सबका आराध्य बता रही है. कांग्रेस का कहना है कि राम सबके हैं. सिर्फ भारतीय जनता पार्टी की कोई बपौती नहीं.
अयोध्या में विराजमान भगवान राम के लिए भव्य मंदिर बनने जा रहा है. लेकिन राम नाम का जाप 2022 की वापसी में बीजेपी के कितना काम आएगा इसके लिए 2022 की चुनावी महाभारत का इंतजार करना होगा.
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