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अगर हाथी (Elephant) शहर के पास भी आते हैं तो प्रशासन समय रहते उनको वापस जंगल में खदेड़ सकता है. इसे स्थानीय निवासियों के साथ ही हरिद्वार कुंभ (Haridwar Kumbh 2021) के मद्देनजर प्रशाशन के लिए भी बड़ी राहत माना जा रहा है.
मालूम हो कि हरिद्वार में 2021 में महाकुंभ होना है. चारों ओर से जंगलों से घिरे हरिद्वार शहर और उसके आसपास के क्षेत्रों में आए दिन जंगली हाथियों के उत्पात मचाने की घटनाएं सामने आती रहती हैं. हरिद्वार महाकुंभ के दौरान जब लाखों की भीड़ होगी तो चिंता इस बात की जताई जा रही है कि अगर इस दौरान कोई हाथी मेला क्षेत्र में घुस आया तो स्थितियां विपरीत हो सकती हैं. हरिद्वार में अभी तक बिगड़ैल हाथी कई लोगों की जान ले चुके हैं, तो कई लोग बीते सालों में घायल भी हुए हैं.
डब्लूआईआई की मदद से तैयार किया गया प्लान
शासन ने राजाजी टाइगर रिजर्व और डब्लूआईआई के सहयोग से हाथियों को कॉलर करने का प्लान बनाया था. लेकिन केंद्र की अनुमति के बिना ऐसा कर पाना संभव नहीं था. बीते 27 जुलाई को फॉरेस्ट डिपार्टमेंट ने केंद्र को प्रस्ताव भेजकर दस जंगली हाथियों केा कॉलर करने की अनुमति मांगी जिसे केंद्र ने हरी झंडी दे दी है. केंद्र में डीआईजी ऑफ फॉरेस्ट, वाइल्ड लाइफ राकेश कुमार जगेनिया ने उत्तराखंड के चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन को पत्र भेजकर इस बात की जानकारी दी है. पत्र में कहा गया है कि हाथियों की कॉलरिंग एक्सपर्ट की मौजूदगी में की जाए. अगर इस दौरान कोई मिसहैपनिंग हुई तो मिनिस्टरी अनुमति को रिव्यू भी कर सकती है.ये भी पढ़ें: बिहार बोर्ड ने 10वीं-12वीं में फेल छात्रों को ग्रेस मार्क्स देकर किया पास, ऐसे चेक करें रिजल्ट
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उत्तराखंड के चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन जेएस सुहाग ने अनुमति पत्र मिलने की पुष्टि करते हुए कहा कि डिपार्टमेंट की सभी तैयारियां पूरी हैं. हरिद्वार क्षेत्र में बार-बार घुस आने वाले हाथियों को पहले से ही चिन्हित कर लिया गया था. केंद्र की अनुमति मिलने के बाद अब इनको जल्द रेडियो कॉलर कर लिया जाएगा. सुहाग के अनुसार 20 अगस्त को पांच एलीफेंट और फिर 15 सितंबर तक पांच अन्य एलीफेंट को रेडियो कॉलर करने की योजना है.
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