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रामनरेश आज जरायम की दुनिया का बड़ा नाम है. उसके ऊपर थानों में हत्या, लूट, अपहरण और मारपीट के दर्जनों मुकदमें कायम है. पचास हजार का इनामी बदमाश (Criminal) रामनरेश मोबाइल (Mobile) क्रांति से पहले का अपराधी है.
12 साल पहले उसने आखिरी मर्डर एक मुखबिर का किया था. उसके बाद से पुलिस को उसकी कोई खबर नहीं है. उसका परिवार भी आगरा के एक गांव से अपना घर छोड़कर कहीं और चला गया है. पुलिस की फाइल में वो अभी जिंदा है, लेकिन पकड़ा नहीं जा सका है. दो-तीन दिन पहले ही पुलिस फिर से उसके गांव में जानकारी लेने गई थी.
रामनरेश की मौत पर होती है बहस
रामनरेश पुत्र कालीचरण अयेला सैंया का रहने वाला है. चार भाइयों में सबसे बड़ा था. उसकी शादी हो गई थी. गांव में वो सीधा स्वाभाव का था. करीब 23 साल पहले गांव से खेत-घर बेंच कर पूरा परिवार मुरैना जाकर रहने लगा था. गांव में वह गलत सोहबत में रहकर छोटे-मोटे अपराध करने लगा था. 1995 में थाना छत्ता क्षेत्र से एक कारोबारी का अपहरण किया और फिरौती न मिलने पर उसकी हत्या कर दी थी.यह भी पढ़ें- शूटआउट वाली रात 5 किमी तक साइकिल से भागा था विकास दुबे, यहां पहुंचकर ली थी बाइक!
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रामनरेश आज जरायम की दुनिया का बड़ा नाम है. उसके ऊपर थानों में हत्या, लूट, अपहरण और मारपीट के दर्जनों मुकदमें कायम है. पचास हजार का इनामी बदमाश रामनरेश मोबाइल क्रांति से पहले का अपराधी है. करीब 15 साल से पुलिस को चकमा दे रहा है. उसके गांव के लोगों का तो यहां तक कहना है कि वह मर चुका है, लेकिन पुलिस उसे आज भी अपनी फाइलों और बदमाशों की लिस्ट में टॉप पर जिंदा किये हुए है.
आज भी गांव में घूमकर आ जाती है पुलिस
रामनरेश के परिवार के लोग अपने गांवों से सालों पहले पलायन कर गए हैं. पुलिस सिर्फ गांव में ही जाकर पूछताछ करके चली आती है. पुलिस ने गैंग के सदस्यों के परिजनों को भी खोजने की जहमत नहीं उठाई है. पुलिस चाहे तो क्या नहीं कर सकती.
पुलिस ने अपने आपको बहुत एडवांस कर लिया है. एक स्टेट में पुलिस की कई टीमें काम करती है. बदमाशों को पकड़ने के लिए बाकायदा एसटीएफ को लगाया जाता है. हर जिले में एंटी डकैती सेल बनी हुई है. उसके बाद भी पुलिस की कोई भी टीम इनामी रामनरेश या उसके परिजनों को तलाश नहीं कर सकी है.
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