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शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने राम मंदिर (Ram Mandir Ayodhya) के भूमि पूजन के इस मुहूर्त को अशुभ बताया है. इससे पहले उनके शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने भी इसे अशुभ बताया था.
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राम मंदिर का भूमि पूजन कब होगा और कौन करेगा
राम मंदिर का शिलान्यास पीएम मोदी 5 अगस्त को करेंगे. यह कार्यक्रम दोपहर 1:15 बजे होगा. जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चांदी की ईंट रखकर मंदिर की आधारशिला रखेंगे.
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मुहूर्त पर क्या है विवाद
राम मंदिर के भूमि पूजन को लेकर काशी के कई संत सवाल खड़ा कर रहे हैं. संतों के अलावा ज्योतिषी भी इस पर अंगुली उठा रहे हैं. इन सबके अनुसार पांच अगस्त को राम मंदिर के भूमि पूजन और शिलान्यास का समय उस दिन का सबसे अशुभ समय होगा.
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कौन-कौन कर रहा है विरोध
राम मंदिर के भूमि पूजन और शिलान्यास के मुहूर्त पर शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने सवाल उठाए. उनके अनुसार तय समय अशुभ है. उन्होंने बताया कि 5 अगस्त को दक्षिणायन भाद्रपक्ष कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि पड़ रही है. उन्होंने विष्णु धर्म शास्त्र और नैवज्ञ बल्लभ ग्रंथ का हवाला देते हुए कहा कि हमारे शास्त्रों में भाद्रपक्ष मास में गृह और मंदिर की स्थापना या शुरुआत करना निषिद्ध है.
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क्या कहते हैं संत
शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के अलावा उनके शिष्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने भी इस मुहूर्त को अशुभ बताया है. उन्होंने इसके संबंध में फेसबुक पर पोस्ट किया है.
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क्या कहता है काशी विद्वत परिषद
काशी विद्वत परिषद के संयोजक डॉ रामनारायण द्विवेदी के अनुसार मंदिर शिलान्यास का मुहूर्त काशी विद्वत परिषद ने नहीं बताया है. मुहूर्त पर उठ रहे विवाद पर रामनारायण द्विवेदी ने कहा कि ये भूमि पूजन भगवान राम के मंदिर का है और शिलान्यास स्वयं देश के राजा करेंगे. ऐसे में मुहूर्त कोई मायने नहीं रखता है.
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कितने दिन चलेगा भूमि पूजन
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष नृत्य गोपाल दास के उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास के अनुसार राम मंदिर का भूमि पूजन कार्यक्रम 3 अगस्त को ही शुरू हो जाएगा. यह कुल Three दिनों तक चलेगा.
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कब तय हुई थी मंदिर निर्माण की तारीख
अयोध्या में 18 जुलाई को राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्यों की बैठक में मंदिर के भूमि पूजन की तारीख तय की गई थी. पहले ट्रस्ट की ओर से Three और 5 अगस्त का प्रस्ताव रखा गया था. प्रधानमंत्री कार्यालय ने इनमें से 5 अगस्त की तारीख को मंजूरी दी थी. राम मंदिर के भूमि पूजन और शिलान्यास कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहेंगे.
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कैसा होगा भूमि पूजन
राम मंदिर के लिए भूमि पूजन की शुरुआत रामानंदी परंपरा से सबसे पहले पृथ्वी की पूजा होगी. उसके बाद नवग्रह की पूजा होगी. इसके बाद गौरी गणेश की पूजा होगी और उन्हें भोग लगाया जाएगा. वहीं इसके बाद अलग-अलग नाम की पांच अलग अलग शिलाओं की उनके नाम के नंदा, भद्रा, जया, रिक्ता, पूर्णा से पूजा होगी. कांस्य कलश में पंचधातु, पंच रतन- हीरा, पन्ना, माणिक, मोती और मूंगा भी होगा. इसके बाद समस्त तीर्थों की मिट्टी, नदियों का जल, समुद्र की मिट्टी और समुद्र का जल, गौशाला और अश्व शाला की मिट्टी के साथ मानव कल्याण से जुड़ी औषधि को रखा जाएगा और इसके बाद शिलाओं की स्थापना के साथ ही भूमि पूजन का यह पूरा अनुष्ठान संपन्न होगा.
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