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विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने मेरठ (Meerut) की माटी को अयोध्या तक पहुंचाने का जिम्मा लिया है. परिषद का कहना है कि यह मिट्टी अयोध्या राम मंदिर की नींव में डाली जाएगी, जो मेरठ के लिए गौरव का विषय बनेगी.
ये हैं 3 प्रमुख मंदिर
मेरठ के सबसे प्रमुख मंदिर बाबा औघड़नाथ, गगोल तीर्थ और बालाजी शनि देव मंदिर परिसर की मिट्टी नवरात्रों के साथ तीन कलशो में अयोध्या भेजी जा रही है.
1857 की क्रांति से है संबंधआपको बता दें कि बाबा औघड़नाथ के इसी मंदिर से मेरठ में 1857 की क्रांति की चिंगारी फूटी थी. जिसने 1947 में देश को आजादी दिला दी. वहीं गगोल तीर्थ के अगर बात करें तो ये वह जगह है, जहां प्रभु श्रीराम ने ताड़का का वध किया था. हजारों वर्ष पुराना इस जगह का इतिहास है, जिसमें लाखों लोगों की आस्था है. वहीं बालाजी शनिदेव मंदिर की भी अपनी ही महिमा है. विश्व हिंदू परिषद ने इन्हीं तीन मंदिरों की मिट्टी को राम जन्मभूमि तक पहुंचाने का जिम्मा उठाया है.
विहिप ने की बड़ी तैयारी, 5100 ध्वज फहराए जाएंगे, 1008 दीपक जलेंगे
5 अगस्त को जब राम मंदिर निर्माण की कवायद शुरू की जाएगी, तब विश्व हिंदू परिषद की तरफ से 5100 भगवा ध्वज फहराए जाएंगे. शहर में प्रमुख स्थानों पर सुंदरकांड और हनुमान चालीसा का पाठ भी किया जाएगा. 5 अगस्त को 1008 दीपक जलाने की भी प्लानिंग की गई है. यानी इस दिन को उत्सव के रूप में मनाने की पूरी तैयारी कर ली गई है. मेरठ के लोग इस बात से काफी गौरवान्वित हैं कि उनके शहर और प्रसिद्ध तीर्थ स्थानों की मती अयोध्या के श्रीराम मंदिर की नींव में रखी जाएगी.
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