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पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि कोविड- 19 (COVID-19) को देखते हुए तय किया गया है कि 72 घण्टे पहले कोविड टेस्ट (Corona Test) करवाने वाले यात्री की रिपोर्ट अगर नेगेटिव पाई जाती है तो वह कहीं भी घूम सकता है.
मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय ग्रह आवास (होम स्टे) योजना जो कि कोविड-19 के चलते हुए लॉकडाउन की वजह से काफी प्रभावित हुई है उससे जुड़े लोगों को राहत पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष से स्वीकृत 24. 30 करोड़ रुपये की धनराशि के सापेक्ष 11. 85 करोड़ की धनराशि उपलब्ध करवाई गई है. वहीं वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना को और अधिक आकर्षक बनाए जाने के उद्देश्य से प्रदेश के मार्गों पर संचालन के लिए फाइनेंशियल ईयर में अधिकतम 50 बसों, इलेक्ट्रॉनिक बसों के क्रय के लिए ऊंची संक्रम की लागत के 50 प्रतिशत लेकिन अधिकतम 15 लाख रुपए की राजकीय सहायता देने का फैसला लिया गया है.
टिहरी झील का 98 फीसदी काम पूरा
मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि टिहरी झील विकास कार्यों की भी समीक्षा में पता चला कि है 98 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है. साथ ही कटारमल जागेश्वर हेरिटेज सर्किट के काम भी पूरा कर लिया गया हैं. स्वदेश दर्शन योजना के तहत महाभारत सर्किट का 9770.25 लाख रूपये का कन्सेप्ट नोट तैयार कर भारत सरकार को भेजा जा चुका है. पर्यटन मंत्री ने कहा कि प्रसाद योजना के तहत केदारनाथ विकास कार्यों का लगभग 90 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है. बद्रीनाथ में भी विकास कार्य किए जा रहे हैं. गंगोत्री और यमुनोत्री के लिए डीपीआर तैयार की जा रही है. समीक्षा बैठक में सतपाल महाराज ने पीपी मोड पर बनने वाली रोप वे परियोजनाओं की भी समीक्षा की. उन्होंने बताया कि जिला चम्पावत स्थित ठुलीगाड़ से पूर्णागिरि तक जबकि उत्तराखण्डवासियों के लिए स्वरोजगार के लिए कण्डाली की केनींग से भी रोजगार उपलब्ध कराया जा सकता है. कोविड को ध्यान में रखते हुए, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के साथ ही स्टाॅफ को ट्रेनिंग देनी चाहिए.ये भी पढ़ें: Delhi Violence: दंगों की जांच के लिए 256 लोगों ने CM केजरीवाल को भेजा खत, रखी ये मांग
पर्यटन मंत्री कहा कि शीतकालीन डेस्टिनेशन के रूप में टिबरसैंण महादेव के मंदिर को विकसित करने के लिए केंद्र सरकार से परमिशन मांगी है. संस्कृति विभाग द्वारा किये जा रहे कार्यों जानकारी देते हुए संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि कैलाश मानसरोवर यात्रा के तीर्थ यात्रियों को दी जाने वाली धनराशि को 25000 से बढ़ाकर 50,000 कर दिया गया है.
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