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हल्द्वानी के डीएफओ कुंदन कुमार (DFO Kundan Kumar) के मुताबिक, बिंदुखत्ता में रविंद्र सिंह कोरंगा के घर से पकड़ा गया सांप बिल्कुल दुर्लभ किस्म का है, जिसे बोलचाल की भाषा में लाल मूंगा खुखरी सांप कहा जाता है.
हल्द्वानी के डीएफओ कुंदन कुमार के मुताबिक, बिंदुखत्ता में रविंद्र सिंह कोरंगा के घर से पकड़ा गया सांप बिल्कुल दुर्लभ किस्म का है, जिसे बोलचाल की भाषा में लोग लाल मूंगा खुखरी सांप यानी रेड कोरल कुकरी स्नेक (जूलॉजिकल नाम ओलिगोडोन खेरिएन्सिस ) कहा जाता है. डीएफओ कुंदन कुमार के मुताबिक, ये सांप जहरीला नहीं होता. इस सांप को वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 में शेड्यूल- 4 का दर्जा प्राप्त है. यानी यह एक संरक्षित प्रजाति का दुर्लभ सांप है.
सांप को रेस्क्यू करते वन कर्मचारी
छह साल पहले सुरई रेंज में दिखा था रेड स्नेक वन विभाग ने रेड कोरल कुकरी प्रजाति के जिस दुर्लभ प्रजाति के सांप को बिंदुखत्ता के एक घर से रेस्क्यू किया. इससे पहले इस प्रजाती के सांप को साल 2014 में खटीमा में देखा गया था. इसे खटीमा के सुरई रेंज में देखा गया था. जानकारी के मुताबिक, साल 2014 से पहले ये सांप एक बार उत्तर-प्रदेश और एक बार पूर्वोत्तर के राज्य असम में देखा गया था. इस सांप की खासियत यह है कि ये दीमक के टीलों में रहता है और अन्य सांपों और छिपकलियों के अंडे खाता है. दिखने में ये एकदम लाल यानी इसमें ऐसी मूंगे के पत्थर सी चमक होती है.
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