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एफआईआर के मुताबिक कृष्णानंद राय की हत्या में राकेश पांडे उर्फ हनुमान भी शामिल था. नवंबर 2005 में हुए इस हत्याकांड की जांच सीबीआई ने की थी और 2006 में राकेश को सीबीआई ने गिरफ्तार कर जेल भी भेजा था.
हनुमान और मुख़्तार अंसारी का कनेक्शन
2009 में मऊ जिले में रेलवे ठेकेदार मन्ना सिंह की हत्या में राकेश पांडे और मुख्तार अंसारी पर एफआईआर दर्ज हुई थी. हालांकि दोनों ही लोग इस मामले में कोर्ट से बरी हो चुके हैं, क्योंकि मन्ना सिंह हत्याकांड के गवाह राम सिंह मौर्य और उनके सरकारी गनर की 2010 में हत्या हो जाती है. गवाह ख़त्म तो मामला भी ख़त्म. राम सिंह मौर्य और उनके गनर की हत्या में भी हनुमान पांडे और मुख्तार अंसारी आरोपी बने. ये मामला अभी एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रहा है. इन दोनों हत्याओं में गैंगस्टर एक्ट के तहत भी मुकदमा कायम हुआ था जो अभी चल रहा है.
बीते कुछ समय से यूपी में संगठित अपराधियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत मऊ में राकेश पांडे उर्फ हनुमान के खिलाफ धोखाधड़ी की गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज हुई थी. जिसमें हनुमान ने फर्जी हलफनामा देकर अपने मुकदमे छिपाते हुए अपनी पत्नी के नाम पर राइफल का लाइसेंस लिया था. इस मामले में राकेश पर 25 हज़ार का इनाम मऊ से है ,जिसमें वो फरार था.
हनुमान पांडे की क्राइम हिस्ट्री
वहीं प्रयागराज में एक महीना पहले गिरफ्तार खान मुबारक गैंग के शूटर नीरज सिंह उर्फ अखंड से भी पूछताछ में राकेश पांडे का नाम सामने आया था. जानकारी मिली थी कि प्रयागराज में एक सपा नेता के मर्डर की सुपारी राकेश पांडे ने ली थी और शूटर नीरज को असलहे और रुकने की जगह का इंतजाम राकेश ने किया था. इस मामले में भी प्रयागराज से राकेश के पर 25 हज़ार का इनाम था और वह फरार था.
मुख्तार अंसारी के गैंग आईएस-191 मतलब इंटर स्टेट गैंग नंबर 191 जिसका मुखिया मुख्तार अंसारी है. इस गैंग का सदस्य राकेश पांडे उर्फ़ हनुमान भी है. वहीं मऊ जिले में D5 गैंग मतलब डिस्ट्रिक्ट गैंग नंबर 5 का लीडर है राकेश पांडे उर्फ हनुमान.
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