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बिहार में फिलहाल रेलवे (Railway) की 37 परियोजनाएं चल रही हैं. इसमें प्रवासी कामगारों (Migrant Laborer) को रोजगार (Employment) दिया जा रहा है.
गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत बिहार के 32 जिलों के प्रवासी श्रमिकों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं. योजना के सफल कार्यान्वयन के लिए इन जिलों में एक-एक कोऑर्डिनेटर नियुक्त किये गये हैं.
37 परियोजनाओं में प्रवासी कामगारों को दिया जा रहा रोजगार
बिहार की कुल 37 रेल परियोजनाओं में प्रवासी कामगारों को लगाया गया है. रेलवे के मुताबिक 20 जून से 07 अगस्त तक प्रवासी कामगारों के लिए 1 लाख 35 हजार 425 मानव दिवस रोजगार सृजित किया गया. और इसके लिए मजदूरों को 262.82 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया.राज्य में दोहरीकरण परियोजना के तहत समस्तीपुर-दरभंगा, कटरिया-कुरसेला, सगौली- बाल्मिकीनगर, मुजफ्फरपुर-सगौली, रमना-सिंगरौली, करैला रोड- शक्तिनगर परियोजनाओं में प्रवासी श्रमिकों को उनके कौशल के अनुसार रोजगार दिए जा रहे हैं. इसी तरह खगड़िया- कुशेश्वर स्थान, कोसी ब्रिज, हाजीपुर-सगौली, सकरी- हसनपुर, छपरा-मुजफ्फरपुर, अररिया-सुपौल, बिहारशरीफ- बरबीघा, इस्लामपुर- नटेसर, कोडरमा-तिलैया नई लाइन परियोजना एवं सकरी- लौकहाबाजार- निर्मली तथा सहरसा-फारबिसगंज एवं जयनगर-दरभंगा-सीतामढी- नरकटियागंज- भिखनाठोढ़ी आमान परिवर्तन कार्य में प्रवासी श्रमिक अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर रहे हैं. इसके अलावा विद्युतीकरण कार्यों में प्रवासी कामगारों को रोजगार मिल रहे हैं.
पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राजेश कुमार ने कहा कि गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत बिहार के 32 जिलों में प्रवासी श्रमिकों को रोजगार मुहैया कराए जा रहे हैं. इन 32 जिलों में से 23 जिले पूर्व मध्य रेलवे के क्षेत्राधिकार में आते हैं. इन जिलों में रेलवे के कार्य में प्रवासी श्रमिकों को रोजगार दिए जा रहे हैं.
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