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Covid-19: बिहार में कोरोना (Corona In Bihar) के बढ़ते केस को देखते हुए पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) में एक जनहित याचिका दायर की गई थी जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राज्य सरकार को जवाब देने के लिए 20 अगस्त तक की मोहलत दी है.
पटना. बिहार में जारी कोरोना महामारी (Corona Epidemic) के कहर और इससे उत्पन्न गंभीर हालात पर पटना हाइकोर्ट (Patna High Court) ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है. मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राज्य सरकार (Bihar Government) को कोर्ट द्वारा उठाये गए प्रश्नों का विस्तृत ब्यौरा अगली सुनवाई में पेश करने को कहा गया है. दिनेश कुमार सिंह की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने राज्य सरकार को जवाब देने के 20 अगस्त तक की मोहलत दी है.
कोर्ट ने कोरोना संकट से निबटने, कोरोना मरीजों की जांच और इलाज की व्यवस्था का पूरा ब्यौरा मांगा था. इसके साथ ही हाइकोर्ट ने जिला स्तरीय कोरोना अस्पतालों की जानकारी, वहां कार्यरत डॉक्टरों, नर्स, मेडिकलकर्मियों का विस्तृत जानकारी देने का भी निर्देश दिया था. पिछली सुनवाई में कोर्ट को बताया गया था कि राज्य में कोरोना मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही हैं, लेकिन जांच और इलाज की पर्याप्त सुविधा नहीं है.
गुरुवार को कोर्ट ने राज्य सरकार को अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलेंडर, वेंटिलेटर व अन्य कोरोना इलाज की सुविधा का ब्यौरा देने का निर्देश दिया है. याचिकाकर्ता की अधिवक्ता रितिका रानी ने कोर्ट को बताया कि राज्य में 9 आरटीपीसीआर होने की बात राज्य सरकार ने बताई है जिससे कोरोना की सही जांच होती है लेकिन 12 करोड़ की जनसंख्या वाले राज्य में इससे जांच कैसे संभव होगा. इस मामले में अगली सुनवाई 20 अगस्त को होगी.मालूम हो कि बिहार में कोरोना के मरीजों की संख्या 90 हजार के पार जा चुकी है. राज्य में रोज औसतन तीन हजार के करीब नए केस आ रहे हैं. इस बीमारी से राज्य में अभी तक 465 लोगों की मौत हो चुकी है और ये आंकड़ा भी रोज बढ़ रहा है. बिहार में कोरोना का सबसे अधिक कहर राजधानी पटना पर बरपा है और पटना में रोजाना नए मरीजों के मिलने का सिलसिला भी जारी है.
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