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पुलवामा में पिछले मंगलवार को आतंकी हमले के दौरान जवान जिलाजीत यादव (Jilajeet Yadav) को गोली लग गई थी. वह अपने परिवार में एकलौती संतान थे. दो साल पहले पिता की मृत्यु हुई थी.
26 साल की उम्र में शहादत
इससे पहले 12 अगस्त को जलालपुर थाना के बहादुरपुर इजरी गांव के निवासी 26 वर्षीय जिलाजीत यादव के शहीद होने की खबर मिलते ही परिवार के लोगों पर मानों पहाड़ सा टूट पड़ा. जिलाजीत यादव गांव के पास सिरकोनी मे इंटरमीडियट की पढ़ाई करने के बाद सेना मे भर्ती हुए थे. वह आरआर-53 बटालियन में वह पुलवामा में पोस्टेड थे. जिलाजीत 2014 मे सेना मे भर्ती हुए थे. वह सिपाही पद पर तैनात थे. पुलवामा मे मंगलवार (11 अगस्त) की रात आतंकियों से मुठभेड़ में उन्हें गोली लग गई, जिसके बाद वह शहीद हो गए. इस दौरान सेना ने ऑपरेशन में एक आतंकी भी मारा गिराया.
पिता का दो साल पहले निधन
जिलाजीत के पिता कांता प्रसाद यादव का दो साल पहले ही निधन हो चुका है. वह घर के इकलौते बेटे थे. घर पर पत्नी पूनम अपने 7 माह के बच्चे के साथ मां उर्मिला हैं. वह जिलाजीत की शहादत की खबर सुनकर रह-रहकर बेहोश हो जा रही हैं. घर में अब जिलाजीत यादव के चाचा राम इकबाल यादव, जवाहर यादव ही परिवार मे बचे हैं. वह ही उनकी मां और पत्नी की देखभाल करते हैं.
इनपुट: मनोज सिंह पटेल
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