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इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में जनहित याचिका दाखिल कर बीईओ परीक्षा स्थगित करने की मांग की गई थी. हाईकोर्ट ने इस संबंध में कहा कि याची संगठन को परीक्षा आयोजित करने को चुनौती देने का अधिकार नहीं है. याचिका खारिज कर दी गई है.
अर्जेंट बेसिस पर हुई याचिका पर सुनवाई
हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने अर्जेंट बेसिस पर सुनवाई करते हुए कहा है कि याचिका पोषणीय नहीं है. कोर्ट ने याचिका में जताई गईं आशंकाओं को भी आधारहीन बताया है. हाईकोर्ट से अर्जी खारिज होने के बाद रविवार 16 अगस्त को परीक्षा कराए जाने का रास्ता साफ़ हो गया है. यूपी लोक सेवा आयोग इस भर्ती परीक्षा को आयोजित कर रहा है.
प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति ने दाखिल की थी याचिकाजनहित याचिका प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति और अन्य की ओर से दाखिल की गई थी. जनहित याचिका में कोविड-19 संक्रमण के चलते परीक्षा स्थगित करने की मांग की गई थी. कोर्ट ने कहा है कि याची संगठन को जनहित याचिका में परीक्षा आयोजित करने को चुनौती देने का अधिकार नहीं है. कोर्ट ने याचिका पर हस्तक्षेप से इनकार करते हुए याचिका खारिज कर दी है.
प्री-परीक्षा का रास्ता साफ
गौरतलब है 16 अगस्त को यूपी के 18 जिलों में परीक्षा आयोजित होनी थी. लेकिन कोविड-19 को देखते हुए चार अन्य जिलों में परीक्षा केंद्र बढ़ा दिए गए हैं. हाईकोर्ट के फैसले से अब 16 अगस्त रविवार को यूपी के 22 जिलों में खंड शिक्षा अधिकारी की प्री-परीक्षा कराने का रास्ता साफ हो गया है. यूपी लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित भर्ती परीक्षा में पांच लाख 15 हजार अभ्यर्थी शिरकत करेंगे. प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर जस्टिस शशिकांत गुप्ता और जस्टिस विवेक कुमार बिड़ला की डिवीजन बेंच में हुई सुनवाई.
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