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Bihar Assembly Election 2020 Update: सूत्रों के मुताबिक, चिराग पासवान (Chirag Paswan)की कोशिश है कि राज्य के मौजूदा हालात को देखते हुए पार्टी की तरफ से कोई चूक न हो. उनकी तरफ से हर परिस्थिति का सामना करने के लिए तैयारी की जा रही है.
गौरतलब है कि एलजेपी अध्यक्ष चिराग पासवान ने लॉकडाउन शुरू होने से पहले बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट यात्रा के जरिए लगातार नीतीश सरकार पर कई मुद्दों को लेकर सवाल खड़े किए थे. उसके बाद लॉकडाउन के दौरान भी राज्य सरकार की भूमिका और लिए गए फैसले को लेकर भी कई सवाल उठाए थे. लगातार उनके निशाने पर जेडीयू और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रहे हैं. चिराग पासवान ने कई बार यहां तक बोल दिया है कि उनका गठबंधन बीजेपी के साथ है.
किया था बड़ा दावा
अभी पिछले हफ्ते ही कांग्रेस के राज्यसभा सांसद अखिलेश सिंह की तरफ से एलजेपी आलाकमान के संपर्क में होने का दावा किया गया था, जिसके बाद सियासी पारा बढ़ गया था. इससे यह संकेत गया कि अगर बीजेपी और जेडीयू की तरफ से एलजेपी को विधानसभा चुनाव में ठीक भागीदारी नहीं होती है तो एलजेपी कोई बड़ा निर्णय भी ले सकती है. विरोधी लोगों की तरफ से भले ही इसे प्रेशर पॉलिटिक्स का हिस्सा माना जा रहा हो, लेकिन, चिराग पासवान की तरफ से अपने सहयोगी दलों को यह संदेश बार-बार दिया जा रहा है कि हमें कमतर न आंका जाए.ये भी पढ़ें: Kanpur Encounter Case: विपक्ष के निशाने पर योगी सरकार, सांसद ने उठाई Judicial Inquiry की मांग
लागू हो सकता है ये फॉर्मूला
सूत्रों के मुताबिक, उनकी तरफ से साफ कर दिया गया है कि 2015 के फॉर्मूले के हिसाब से ही सीटों का बंटवारा होना चाहिए, वरना कोई दूसरा फॉर्मूला चिराग को मंजूर नहीं है. 2015 में एलजेपी 40 सीटों पर चुनाव मैदान में थी. लेकिन, अभी तक बीजेपी –जेडीयू की तरफ से उस पर हामी नहीं भरी गई है. जवाब के इंतजार में लगे चिराग पासवान अपने प्रदेश के संसदीय बोर्ड के सभी सदस्यों को दिल्ली तलब कर अपने सहयोगियों को संकेत देना चाहते हैं.
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