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प्रभात को फिल्मों और सेलिब्रिटी की ब्रांडिंग के लिए इंडस्ट्री का चाणक्य माना जाता है. पटना के सेंट माइकल स्कूल से निकले ले प्रभात चौधरी दरभंगा के पंचोभ गांव के हैं. उनकी कामयाबी की कहानी IIM बैंगलोर में छात्रों को केस स्टडी के तौर पर पढ़ाया जाता है.
पटना के रहने वाले हैं प्रभात
पटना के सेंट माइकल स्कूल से शिक्षा दीक्षा हासिल करने वाले प्रभात चौधरी दरभंगा के पंचोभ गांव से आते हैं. प्रभात स्पाइस पीआर और एंट्रपी डिजिटल के संस्थापक हैं. दिल्ली विश्वविद्यालय से ग्रैजुएशन के बाद सोलह साल से वो स्पाइस चला रहे हैं. 40 साल के प्रभात की सफलताओं के बारे में IIM बैंगलोर में छात्रों को केस स्टडी के तौर पर पढ़ाया जाता है.
बाहुबली के लिए ‘आखिर कट्टप्पा ने बाहुबली को क्यूँ मारा’ कैंपने दियाबॉलीवुड के दिग्गज हृतिक रोशन, आमिर खान, शाहरुख खान, दीपिका पदुकोन, श्रद्धा कपूर, प्रभास, टाइगर श्रॉफ जैसे नाम प्रभात के पर्सनल क्लाइंटस हैं, जो अपनी ब्रांडिंग और छवि बनाने के लिए पूरी तरह प्रभात पर निर्भर करते हैं. प्रभात ने भारत को सबसे बड़ी फिल्म बाहुबली के लिए ‘आखिर कट्टप्पा ने बाहुबली को क्यूं मारा’ कैंपेन दिया. गूगल पर भारत का सबसे बड़ा स्ट्रैटेजिस्ट कौन सर्च करने पर अमूमन दो नाम आते हैं – प्रशांत किशोर और प्रभात चौधरी.
डिजिटल दुनिया एक नया समाज
प्रभात कहते हैं डिजिटल समाज एक नया समाज होगा. उस समाज की रूपरेखा और व्यवहार को समझना हमारी प्राथमिकता है. सोशल मीडिया अच्छा है, लेकिन उसका एक डार्क साइड भी है. हमें अच्छाइयों को अपनाना है. प्रभात को इस बात का गर्व है की वे बिहार से हैं और इस बात पर खुशी भी जाहिर करते हैं कि बिहारी युवा नए आयाम हासिल कर रहे हैं.
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