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उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) ने कहा, बांध को तो चूहे कुतर देते थे, लेकिन अभी कुछ हफ़्तों पूर्व बने सीएम नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) के कर कमलों से उद्घाटन हुए सत्तरघाट पुल को कहीं कागजी चीटियां तो नहीं चट कर गयीं.
चिराग पासवान ने ध्वस्त हुए एप्रोच रोड का फोटो शेयर करते हुए अपने ट्वीट में लिखा, 264 करोड़ की लागत से बने पुल का एक हिस्सा आज ध्वस्त हो गया है. जनता के पैसे से किया कोई भी कार्य पूरी गुणवत्ता से किया जाना चाहिए था. इस तरह की घटनाएं जनता की नजर में ZERO CORRUPTION पर सवाल उठाती हैं. लोजपा मांग करती है की उच्च स्तरीय जांच कर जल्द दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करें.
264 करोड़ की लागत से बने पुल का एक हिस्सा आज ध्वस्त हो गया है।जनता के पैसे से किया कोई भी कार्य पूरी गुणवत्ता से किया जाना चाहिए था।इस तरह की घटनायें जनता की नजर में ZERO CORRUPTION पर सवाल उठाती है।लोजपा माँग करती है की उच्च स्तरीय जाँच कर जल्द दोषियों पर कड़ी कार्यवाही करे। pic.twitter.com/DaWbENTVo9
— युवा बिहारी चिराग पासवान (@iChiragPaswan) July 16, 2020
बता दें कि इससे पहले बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार को आड़े हाथों लेते हुए न केवल निर्माण करने वाली कंपनी को ब्लैक लिस्टेड करने की मांग की है, बल्कि पुल बनाने में खर्च की गई राशि को रिकवर करने की भी बात कही है. गुरुवार को नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जिस पुल का उद्घाटन खुद सीएम ने बड़े तामझाम के साथ किया था, जो पुल eight साल से बन रहा था और जिसे बनाने में 264 करोड़ रुपए का खर्च आया वो महज 29 दिन में ही टूट कर बह गया.
तेजस्वी ने कहा कि दरअसल, नीतीश कुमार के राज में पुल टूटना आम बात हो गई है. इससे पहले भी भागलपुर के कहलगांव में उद्घाटन के एक दिन पहले ही बांध टूट गया था. तेजस्वी ने तंज भरे लहजे में कहा कि बिहार में चूहे बांध तोड़ देते हैं, ऐसे में पुल टूटने पर पैसे की रिकवरी कैसे होगी. उन्होंने कहा कि 15 साल में सीएम ने 55 घोटाले किए हैं.
इस मामले में राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने भी सवाल उठाते हुए कहा, बांध को तो चूहे कुतर देते थे, लेकिन अभी कुछ हफ़्तों पूर्व, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी के कर कमलों से उद्घाटन हुआ सत्तरघाट पुल को कहीं कागजी चीटियां तो नहीं चट कर गयीं.
वहीं कांग्रेस नेता अखिलेश सिंह ने कहा कि इस मामले की जांच हाईकोर्ट के सिटिंग जज से करवानी चाहिए क्योंकि ौर किसी एजेंसी से जांच का कोई मतलब नहीं है. अखिलेश सिंह ने कहा कि नीतीश सरकार नीचे से लेकर ऊपर तक आकंठ भ्रष्टाचार में डूबी है.
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