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निर्मली से खुलकर सरायगढ़ तक जाने के लिए पहले लोगों को दरभंगा, समस्तीपुर, सहरसा होते हुए सरायगढ़ आना पड़ता था. इसके लिए लोगों को 298 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है. मगर अब कोसी अटल सेतु (Koshi Atal setu) बन जाने से यह दूरी सिमट कर मात्र 22 किलोमीटर रह गई है
कोसी के ऊपर बना यह महासेतु लोगों के लिए वरदान साबित होगा. निर्मली से खुलकर सरायगढ़ तक जाने के लिए पहले लोगों को दरभंगा, समस्तीपुर, सहरसा होते हुए सरायगढ़ आना पड़ता था. इसके लिए लोगों को 298 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है. मगर अब इस पुल के बन जाने से यह दूरी सिमट कर मात्र 22 किलोमीटर रह गई है. स्थानीय निवासी प्रमोद कुमार का कहना है कि पहले जाने के लिए दो दिन लग जाता था. बाढ़ के दिनों में स्थिति और भी खतरनाक हो जाती थी. अगर एक बार सुपौल जाना होता था तो दो दिन के बाद वापस लौटना पड़ता था.
वहीं निर्मली के रहने वाले मोहम्मत इश्तियाक का कहना है कि कोसी नदी पर बना यह महासेतु यहां के लोगों के लिए सबसे बड़ा तोहफा है. इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तहे दिल से बधाई देता हूं.
महासेतु के उद्घाटन से लोगों के फिरेंगे दिनकोसी पर महासेतु के बन जाने से निर्मली समेत कई इलाकों के दिन बदल जाएंगे. इस सेतु के उद्घाटन के बाद लोग आधे घंटे में मुख्यालय तक पहुच सकते हैं जहां पहले पहुचना मुश्किल था. साथ ही लोगों को बड़ा बाजार मिलेगा. छात्रों को कोचिंग और पढ़ाई के लिए सुपौल तक पहुंचने मे आसानी होगी. वहीं सरकारी योजनाओ को सुदूर इलाके तक पहुचाने में भी प्रशासनिक आसानी होगी.
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