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हालांकि विकास दुबे के कारनामों पर बोलने के साथ ही प्रशांत कुमार ने यूपी में पिछले साल के मुकाबले इस साल के अपराध के ग्राफ (Crime Graph) पर ज्यादा फोकस किया. जितनी देर वह विकास दुबे और उसके गुर्गों के कारनामों पर बोले, लगभग उतना ही टाइम या उससे ज्यादा उन्होंने यूपी में आपराधिक आंकड़ों को पेश करने में बिताया.
2019 के मुकाबले 2020 में अपराध का ग्राफ कम
उन्होंने बताया कि 2019 के मुकाबले साल 2020 की पहली छमाही में अपराध का ग्राफ कितना कम रहा है. पत्रकारों के लिए थोड़ा चौंकाने वाली बात थी लेकिन यूपी पुलिस के ट्विटर हैंडल को देखने के बाद यह जगजाहिर हो गया कि प्रशांत कुमार ने विकास दुबे के मामले पर बुलाई प्रेस कॉन्फ्रेंस में यूपी की आपराधिक घटनाओं का ब्यौरा क्यों दिया?प्रियंका गांधी लगातार कर रहीं हमले
दरअसल 2 जुलाई के बाद से ही कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) हर रोज अपराध के कुछ आंकड़े पेश करती हैं, जिसमे यह बताया जाता है कि किस तरीके के अपराध में उत्तर प्रदेश पूरे देश में सबसे टॉप पर है. प्रियंका गांधी ने कल मंगलवार को ट्वीट कर के आंकड़े जारी किए थे और बताया था कि हत्या के मामले में और बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराध के मामले में पूरे देश में यूपी टॉप पर है.
आज बुधवार को उन्होंने ट्विटर पर आंकड़ा पेश किया, जिसमें बताया गया है कि अवैध हथियारों और साइबर क्राइम के मामले में पूरे देश में यूपी टॉप पर है. इसके अलावा 2 दिन पहले उन्होंने ट्वीट करके यह जानकारी दी थी. पिछले eight दिन में यूपी में 50 हत्या की घटनाएं हुई हैं.
देश के औसत से यूपी का औसत कम
एडीजी प्रशांत कुमार ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपराध से जुड़े कई आंकड़े पेश किए, जिसमें उन्होंने बताया कि 2019 के मुकाबले 2020 की पहली छमाही में तमाम अपराधों में कमी आई है. उत्तर प्रदेश पुलिस ने ट्विटर के जरिए प्रियंका गांधी को जो जवाब दिया है, उसके तहत हत्या और बच्चों के प्रति अपराध और महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराध का आंकड़ा जारी किया गया है. यह बताया गया है कि देश के औसत से यूपी का औसत इन मामलों में कम है. हालांकि आंकड़े साल 2018 तक के ही जारी किए गए हैं.
डकैती, लूट, अपहरण, रेप के केसों में भारी कमी
प्रशांत कुमार ने बताया कि 2019 के मुकाबले 2020 की पहली छमाही में अपराध का ग्राफ गिरा है. डकैती के मामले में 35 फ़ीसदी, लूट 44 फ़ीसदी, हत्या eight फ़ीसदी, फिरौती और अपहरण 41 फ़ीसदी, बलात्कार 25 फ़ीसदी, दहेज संबंधी मामले 6 फ़ीसदी, महिला अपहरण 36 फ़ीसदी और महिला संबंधी अपराध 14 फ़ीसदी कम हुए हैं. इसके अलावा एससी एसटी के अपराध के मामले में भी गिरावट दर्ज की गई है.
बता दें कि कि कानपुर के बिकरु गांव में eight पुलिसकर्मियों के हत्यारोपी के हत्यारोपी विकास दुबे घटना के 6 दिन बाद भी पुलिस की पकड़ से दूर है. 2 जुलाई की आधी रात घटित इस घटना के बाद से प्रियंका गांधी और कांग्रेस अपराध के मोर्चे पर प्रदेश सरकार की विफलता को लेकर घेरेबंदी करती जा रही है. इस मामले में यूपी पुलिस ने विकास दुबे के कई करीबी अपराधियों को मुठभेड़ में मार गिराया है और गिरफ्तारियां भी की गई है. विकास दुबे की गिरफ्तारी के लिए कई दूसरे राज्यों में भी दबिश दी जा रही है. हालांकि प्रेस कॉन्फ्रेंस में एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने “विकास दुबे और राजनीति” इस विषय पर कोई भी टिप्पणी नहीं की और बोलने से इनकार किया.
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