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इस संबंध में जब अभियन्ता सुनील कुमार को जारी किया गए बिजली बिल का नोटिस उन्हें दिखाया गया तो वे सकते में आ गए और इसे मीटर रीडर की गलती मानते हुए तत्काल सुधारने की बात कही.
2018 में ही लिया था बिजली का कनेक्शन
वर्ष 2018 में इस गांव का विद्युतीकरण किया गया. गांव के किसान शिवकुमार ने अपनी पत्नी सुनीता देवी के नाम से दिसंबर 2018 में सौभाग्य योजना के अन्तर्गत बिजली का कनेक्शन लिया था. अक्टूबर 2019 में शिवकुमार की पत्नी सुनीता देवी के नाम 1700 रुपये का बिजली बिल आया. यह बिजली बिल किसी कारण वश शिवकुमार जमा नहीं कर सके. 29 जुलाई 2020 को शिवकुमार की पत्नी सुनीता देवी के नाम बिजली विभाग ने 6402507 (चौसठ लाख दो हजार पांच सौ सात) रुपये का नोटिस भेज दिया और यह रुपये आठ अगस्त तक जमा करने का निर्देश दिया. यह नोटिस मिलने के बाद शिवकुमार और उसके परिजन सकते में आ गये. शिवकुमार का कहना है कि यदि वह अपनी पूरी जमीन जायदाद बेच भी डाले तो भी वह इतने रुपये इकठ्ठा नहीं कर सकता.
बिल देख सकते में आए अभियंताशिवकुमार ने यह भी बताया कि उसके घर में मात्र दो बिजली के बल्ब जलते हैं. ऐसे में इतना ज्यादा बिजली बिल के बकाया भुगतान का नोटिस मिलना समझ से परे है. इस भारी-भरकम राशि का बिल मिलने के बाद पूरे गांव में हड़कंप मचा हुआ है. न्यूज-18 की टीम ने शिवकुमार के घर जाकर उसके हालात का जायजा लिया. शिवकुमार के घर भीड़ लगी हुई है. पूरे गांव के लोग बिजली विभाग के इस नोटिस को लेकर हैरान हैं. इस संबंध में जब नोटिस जारी करने वाले विद्युत वितरण खण्ड बलरामपुर के अभियन्ता सुनील कुमार से बात की गई, तो उन्होंने पहले तो किसी भी नोटिस के जारी होने से इनकार कर दिया. लेकिन जब जारी किया गया नोटिस उन्हें दिखाया गया तो इंजीनियर साहब खुद सकते में आ गए और इसे मीटर रीडर की गलती मानते हुए तत्काल सुधारने की बात कही.
गड़बड़ी मीटर रीडर की, सजा उपभोक्ता को
मीटर रीडर ने अप्रैल 2020 की मीटर रीडिंग में शिवकुमार के घर 9 लाख यूनिट बिजली खर्च होना दर्शाया है. मीटर रीडर की गलती पर बिल चौसठ लाख रुपये का बना दिया गया और उसकी वसूली के लिए नोटिस भी भेज दिया गया.
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