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राम जन्मभूमि (Ram janmbhoomi) के शिलान्यास पूजन में प्रयुक्त होने वाले देश भर की हजारों पवित्र नदियों का जल व पावन तीर्थों की रज सम्पूर्ण भारत को एकाकार कर राष्ट्रीय एकात्मता का दर्शन कराएंगे.
विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय महामंत्री ने नागपुर में कहा कि मुझे खुशी है कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की जन्मभूमि के सम्बन्ध में यह पत्रकार वार्ता आज एक ऐसे पावन स्थल पर हो रही है, जहां से डॉ. हेडगेवार द्वारा संघ-गंगा और डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर की दीक्षा भूमि से समता-गंगा का उद्गम हुआ. मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम ने सामाजिक समरसता और सशक्तीकरण का संदेश स्वयं के जीवन से दिया. राम जन्मभूमि के शिलान्यास पूजन में प्रयुक्त होने वाले देश भर की हजारों पवित्र नदियों का जल व पावन तीर्थों की रज, सम्पूर्ण भारत को एकाकार कर राष्ट्रीय एकात्मता का दर्शन कराएंगे. मिलिंद परांडे ने कहा कि भगवान श्रीराम द्वारा अहिल्या उद्धार, शबरी व निषादराज से प्रेम और मित्रता सामाजिक समरसता के अनुपम उदाहरण हैं. श्रीराम जन्मभूमि का शिलान्यास 1989 में अनेक पूज्य संतों की उपस्थिति में अनुसूचित जाति के कामेश्वर चौपाल के कर कमलों से ही संपन्न हुआ था जो, आज श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र न्यास के न्यासी भी हैं.
दीप जलाने की अपील
विहिप महामंत्री ने सबसे आह्वान भी किया कि 5 अगस्त के दिन सभी लोग अपने-अपने घरों, प्रतिष्ठानों, मठ-मन्दिरों, आश्रमों इत्यादि स्थानों पर ही यथासम्भव सामूहिक बैठकर प्रातः 10:30 बजे से अपने-अपने आराध्य देव का भजन-पूजन कीर्तन स्मरण करें, पुष्प समर्पित करें, आरती करें और प्रसाद बांटें. अयोध्या के कार्यक्रम को समाज को लाइव दिखाने की यथासम्भव व्यवस्था करें. घरों, मुहल्लों, ग्रामों, बाजारों, मठ-मन्दिरों, गुरुद्वारों, आश्रमों इत्यादि में साज-सज्जा कर सायंकाल में दीप जलाएं.
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