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विकास दुबे (Vikas Dubey) ही क्यों मुख्तार अंसारी हों, मुन्ना बजरंगी, ब्रजेश सिंह हों या बदन सिंह बद्दो जैसे दूसरे उत्तर प्रदेश के कुख्यात माफिया डॉन, इन सभी में उत्तर प्रदेश पुलिस के एनकाउंटर का खौफ इस कदर है कि इनकी भी गिरफ्तारी दूसरे प्रदेश में हुई है.
वैसे विकास दुबे ही क्यों मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) हों, मुन्ना बजरंगी, ब्रजेश सिंह हों या बदन सिंह बद्दो जैसे दूसरे उत्तर प्रदेश के कुख्यात माफिया डॉन, इन सभी में उत्तर प्रदेश पुलिस के एनकाउंटर का खौफ इस कदर है कि इनकी भी गिरफ्तारी दूसरे प्रदेश में हुई है. मुख्तार अंसारी तो गिरफ्तार होने के बाद भी आरोप लगाते हैं कि यूपी पुलिस उन्हें जेल में मरवा देगी. वहीं माफियाओं के अलावा फूलन देवी और चंबल के कई कुख्यात डकैतों का भी यूपी पुलिस से डरकर मध्य प्रदेश में सरेंडर का इतिहास रहा है.
उत्तर प्रदेश में कई बड़े अपराधियों का दूसरे राज्यों में गिरफ्तारी का पुराना इतिहास रहा है.
25 मार्च 1996 को ओम प्रकाश पासवान की दिनदहाड़े बम मारकर हत्या मामले में फरार अभियुक्त राकेश यादव और ब्रह्मा यादव बिहार के पटना में पकड़े गए. उस दौरन बात सामने आई कि बिहार पुलिस के एक थानेदार ने दोनों की गिरफ्तारी में अहम भूमिका निभाई.
इस समय जेल में बंद बाहुबली नेता माफिया मुख्तार अंसारी की पहली गिरफ्तारी भी कई साल पहले हरियाणा के पंचकूला से हुई थी.
वहीं मुख्तार के प्रमुख प्रतिद्वंदी माफिया और एमएलसी ब्रजेश सिंह के खिलाफ भी कई केस दर्ज थे. 2009 में ब्रजेश सिंह को कई साल की फरारी के बाद ओडिशा के भुवनेश्वर से गिरफ्तार किया गया.
यही नहीं कुछ साल पहले जेल में मारा गया माफिया मुन्ना बजरंगी 2009 में मुंबई से नाटकीय ढंग से गिरफ्तार किया गया.
पश्चिम उत्तर प्रदेश का कुख्यात अपराधी बदन सिंह बद्दो को 2012 में हरियाणा के कालका से गिरफ्तार किया गया. फिलहाल वह पुलिस कस्टडी से फरार है.
पश्चिम यूपी का ही सुशील मूंछ राजस्थान से गिरफ्तार किया गया.
यूपी का मोस्ट वांटेड कौशल चौबे 15 साल बाद देहरादून से गिरफ्तार किया गया था. वह बलिया जिले का रहने वाला कौशल चौबे वर्ष 2004 में टेंडर विवाद में चार लोगों की हत्या करने के बाद से फरार था.
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