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गौरतलब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में ज्यूडिशियल इंक्वायरी (Judicial Inquiry) की मांग को लेकर एक जनहित याचिका (PIL) दाखिल की गई है.
वहीं, सरकार की तरफ से कोर्ट में कहा गया है कि रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में जांच आयोग का गठन कर दिया गया है. सीनियर आईएएस की अध्यक्षता में एसआईटी बना दी गई है और पूरे मामले की जांच शुरू हो गई है. दोनों पक्षों को सुनने के बाद जस्टिस पंकज जायसवाल और जस्टिस करुणेश पवार ने फैसला दिया कि एसआईटी और आयोग से कानपुर मामले जांच जारी है. कोर्ट ने नंदिता ठाकुर से कहा कि आपकी मांगें मानी जा चुकी हैं याचिका खारिज की जाती है.
Lucknow Bench of Allahabad High Court dismisses a plea looking for judicial inquiry in #VikasDubeyEncounter case. (file pic) pic.twitter.com/s9fIhKlHO1
— ANI UP (@ANINewsUP) July 13, 2020
गौरतलब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में ज्यूडिशियल इंक्वायरी (Judicial Inquiry) की मांग को लेकर एक जनहित याचिका (PIL) दाखिल की गई है. जनहित याचिका में कोर्ट से मॉनिटरिंग की भी मांग की गई है. हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के महासचिव प्रभा शंकर मिश्रा की ओर से दाखिल इस जनहित याचिका पर सुनवाई की स्वीकृति चीफ जस्टिस गोविंद माथुर ने दे दी है. 15 जुलाई को इस जनहित याचिका पर सुनवाई होगी.
विकास दुबे व उसके साथियों के एनकाउंटर की भी होगी जांच
राज्य सरकार ने बताया कि जांच आयोग 2 जुलाई को अपराधी विकास दुबे व उसके सहयोगियों द्वारा की गई घटना जिसमे आठ पुलिसकर्मियों की हत्या हुई थी व अन्य कर्मी घ्यायल हुए थे उनकी गहनतापूर्वक जांच करेगा. साथ ही 10 जुलाई को पुलिस मुठभेड़ में मारे गए मुख्य आरोपी विकास दुबे व अलग-अलग स्थानों पर एनकाउंटर में मारे गए उसके साथियों की भी जांच करेगा.
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