[ad_1]
बता दें कि 2 जुलाई की रात विकास दुबे (Vikas Dubey) ने अपने गुर्गों के साथ मिलकर दबिश देने पहुंची पुलिस टीम पर हमला किया था. इस हमले में क्षेत्राधिकारी देवेंद्र मिश्रा समेत आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे.
इससे पहले कानपुर के एसएसपी दिनेश कुमार पी ने बताया कि विकास दुबे को ला रहे काफिले के पीछे कुछ गाड़ियां लगी हुई थी. यह लगातार पुलिस के काफिले को फॉलो कर रही थी. जिसकी वजह से गाड़ी तेज़ भगाने की कोशिश की गई. बारिश तेज़ थी इसलिए गाड़ी पलट गई. एसएसपी के मुताबिक, इस मौके का फायदा उठाकर विकास दुबे भागने की कोशिश में था. हमारे एसटीएफ जवान इस गाड़ी को पीछे से फॉलो कर रहे थे.
उन्होंने कॉम्बिंग की. फायरिंग हुई और सेल्फ डिफेंस में विकास दुबे पर गोली चलाई गई. जिससे वह मारा गया. एसएसपी ने बताया कि एनकाउंटर कोई चीज़ नहीं होती. हम न्यायिक प्रक्रिया को फॉलो करते हैं. विकास के जो भी गुर्गे हैं सबको गिरफ्तार किया जाएगा. बता दें कि 2 जुलाई की रात विकास दुबे ने अपने गुर्गों के साथ मिलकर दबिश देने पहुंची पुलिस टीम पर हमला किया था.Vikas Dubey Encounter: बीजेपी सांसद साक्षी महाराज बोले- पुलिस आरती तो करेगी नहीं
इस हमले में क्षेत्राधिकारी देवेंद्र मिश्रा समेत आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे. इस घटना के बाद विकास दुबे अपने गुर्गों के साथ फरार हो गया था. 9 जुलाई को ही उज्जैन के महाकाल मंदिर के बाहर से विकास दुबे को पकड़ लिया गया. उसे कानपुर पुलिस और एसटीएफ की टीम कानपुर ला रही थी, तभी गाड़ी पलट गई और विकास दुबे हथियार छीनकर भागने लगा. पुलिस की जवाबी कार्रवाई में विकास दुबे भी मारा गया है.
[ad_2]
Source