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Association of Democratic Reforms के आंकड़ों के मुताबिक पिछले बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टियों ने कुल 75 करोड़ रुपये का खर्च पब्लिसिटी में किया. जबकि राजनीतिक दलों के नेताओं की यात्रा पर 59 करोड़ खर्च किया गया. वहीं करीब 47 करोड़ रुपये विभिन्न दलों ने अपने उम्मीदवारों को दिए.
खर्चों का विश्लेषण
ADR के आंकड़ों के मुताबिक पिछले बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टियों ने कुल 75 करोड़ रुपये का खर्च पब्लिसिटी में किया. जबकि राजनीतिक दलों के नेताओं की यात्रा पर 59 करोड़ खर्च किया गया. वहीं करीब 47 करोड़ रुपये विभिन्न दलों ने अपने उम्मीदवारों को दिए. बता दें कि एडीआर ने ये विश्लेषण राजनीतिक दलों की तरफ से चुनाव आयोग को दिए गए आंकड़ों के आधार पर किया है. एडीआर ने 15 राजनीतिक दलों के खर्च के विश्लेषण के आधार पर ये निष्कर्ष निकाला है. बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान इन राजनीतिक दलों को 151 करोड़ रुपये का फंड मिला. जिसमें से 150 करोड़ पार्टियों ने खर्च किया. जिन 15 पार्टियों के खर्च का विश्लेषण किया गया उसमें 6 राष्ट्रीय स्तर की हैं और 9 क्षेत्रीय हैं.
ADR के सुझाव
पार्टियों के खर्च के विश्लेषण के साथ ही एडीआर ने अपनी रिपोर्ट में अनुशंसा की है कि राजनीतिक दलों के चुनावी खर्च की सीमा तय की जानी चाहिए. इसके अलावा राजनीतिक दलों को खास फॉर्मेट में ही अपने खर्च का ब्योरा देना चाहिए. इसके अलावा ADR ने राजनीतिक दलों को चुनाव अभियान में चंदा देने वाले सभी लोगों की जानकारी भी आयोग को दिए जाने की अनुशंसा की है. बता दें कि बिहार में विधानसभा चुनाव 29 नवम्बर से पहले प्रस्तावित हैं. जिसकी तैयारियों में सभी राजनैतिक दल जोर-शोर से जुटे हुए हैं.
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