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कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने ट्वीट किया है कि यूपी सरकार को मामले की CBI जांच करा सभी तथ्यों और प्रोटेक्शन के ताल्लुकातों को जगज़ाहिर करना चाहिए.

लखनऊ. उत्तर प्रदेश के मोस्ट वांटेड क्रिमिनल विकास दुबे (Vikas Dubey) के मध्य प्रदेश के उज्जैन (Ujjain) में गिरफ्तारी (Arresting) के बाद सियासत गरमा गई है. मामले में एक तरफ मध्य प्रदेश कांग्रेस (MP Congress) ने एमपी सरकार में गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा (Narottam Mishra) की भूमिका पर सवाल खड़े किए हैं. कांग्रेस का कहना है कि यूपी चुनाव के समय नरोत्तम मिश्रा कानपुर के प्रभारी थे और अभी उज्जैन के प्रभारी हैं. वहीं मामले में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने ट्वीट किया है कि यूपी सरकार को मामले की CBI जांच करा सभी तथ्यों और प्रोटेक्शन के ताल्लुकातों को जगज़ाहिर करना चाहिए.

अलर्ट के बावजूद उज्जैन कैसे पहुंच गया?

प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया, “कानपुर के जघन्य हत्याकांड में यूपी सरकार को जिस मुस्तैदी से काम करना चाहिए था, वह पूरी तरह फेल साबित हुई. अलर्ट के बावजूद आरोपी का उज्जैन तक पहुंचना, न सिर्फ सुरक्षा के दावों की पोल खोलता है बल्कि मिलीभगत की ओर इशारा करता है. तीन महीने पुराने पत्र पर ‘नो एक्शन’ और कुख्यात अपराधियों की सूची में ‘विकास’ का नाम न होना बताता है कि इस मामले के तार दूर तक जुड़े हैं. यूपी सरकार को मामले की CBI जांच करा सभी तथ्यों और प्रोटेक्शन के ताल्लुकातों को जगज़ाहिर करना चाहिए.”

अखिलेश ने भी उठाए सवाल- गिरफ्तारी या आत्मसमर्पण?

बता दें इससे पहले समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने भी सवाल किया कि विकास दुबे ने आत्मसमर्पण किया या उसकी गिरफ्तारी हुई? अखिलेश यादव ने ट्वीट किया, “ख़बर आ रही है कि ‘कानपुर-काण्ड’ का मुख्य अपराधी पुलिस की हिरासत में है. अगर ये सच है तो सरकार साफ़ करे कि ये आत्मसमर्पण है या गिरफ़्तारी. साथ ही उसके मोबाइल की CDR सार्वजनिक करे जिससे सच्ची मिलीभगत का भंडाफोड़ हो सके.”

सपा प्रवक्ता ने की ये मांग

वहीं समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता सुनील साजन ने भी यही सवाल किया है. उन्होंने पूछा है कि सरकार बताए कि विकास दुबे ने आत्मसमर्पण किया या गिरफ्तार हुआ? उन्होंने कहा कि विकास दुबे की जिस-जिस ने मदद की उनका नाम सामने आना चाहिए. ऐसा न हो कि विकास दुबे को जेल भेज कर उसको संरक्षण देने वालों को बचा लिया जाए. विकास दुबे से किसने-किसने बात की पूरी सीडीआर जारी होनी चाहिए. अधिकारियों, पुलिसकर्मियों और राजनेताओं के कॉकस का चेहरा भी बेनकाब होना चाहिए.

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