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हालांकि कोरोना के कारण आई परेशानियों के बावजूद कान्हा के भक्त निराश नहीं होंगे क्योंकि मथुरा-वृंदावन (Mathura-Vrindavan) के सभी मंदिरों में जन्मोत्सव की तैयारियां की जा रही हैं. खास बात है कि मंदिरों में प्रवेश न मिलने के बावजूद भक्त अपने अपने प्रिय कान्हा के दर्शन कर पाएंगे और मंदिरों में होने वाली जन्मोत्सव संबंधी हर एक गतिविधि को भी देख पाएंगे. इसके लिए खास व्यवस्था की जा रही है.
मथुरा श्री कृष्ण जन्मभूमि (Shri Krishna Janmbhoomi) में इस बार पहले ही तरह ही सभी तैयारियां की जा रही हैं. श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सदस्य गोपेश्वरनाथ चतुर्वेदी ने बताया कि मंदिर को आम लोगों के लिए बंद किया गया है. अनलॉक के दौरान खोले गए मंदिर में जन्माष्टमी को देखते हुए 10 अगस्त की दोपहर से 13 अगस्त की दोपहर तक बाहरी लोगों का प्रवेश बंद किया गया है. ऐसे में कोई भी दर्शनार्थी इन चार दिनों तक मंदिर में प्रवेश नहीं करेगा.
चतुर्वेदी आगे बताते हैं कि भक्तों की हर साल आने वाली भारी भीड़ और फिर कोरोना बीमारी को देखते हुए ये फैसला किया गया है. हालांकि भक्त मंदिर में होने वाले जन्मोत्सव की सभी झांकियां घर बैठे देख पाएंगे. जन्म के इस आनंदोत्सव का पूरा प्रसारण टीवी पर लाइव किया जाएगा.
इस बार मंदिरों ने सभी भक्तों के लिए व्यवस्था की है. इस दिन फेसबुक लाइव, यूट्यूब और अन्ये सोशल मीडिया प्लेभटफॉर्म पर जन्मोृत्स व के आयोजनों की तस्वीआरें शेयर की जाएंगी.
वृंदावन का बांके बिहारी मंदिर में होगी रात को डेढ़ बजे आरती
हर साल की तरह इस बार भी वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में कान्हा के जन्म के बाद रात को डेढ़ बजे आरती होगी. हर साल देर रात को होने वाली इस आरती में आसपास और बाहर से इतने भक्त आते थे कि पूरे परिसर में नहीं समा पाते थे लेकिन इस बार इस आरती में सिर्फ मंदिर के सेवाधिकारी ही शामिल होंगे. मंदिर के सेवाधिकारियों की ओर से बताया गया कि बांके बिहारी जन्माष्टमी पर पीली पोशाक पहनेंगे. ठाकुर जी का अभिषेक, पूजा और आरती अन्य वर्षों की तरह ही होगी लेकिन बाहरी लोग प्रवेश नहीं कर पाएंगे.
बता दें कि कोरोना के बाद हुए लॉकडाउन के बाद से ही बांके बिहारी मंदिर आम लोगों के लिए बंद है. वहीं इसके आगामी सितंबर महीने तक बंद रहने की बात कही गई है. पिछले छह महीनों से भक्त बांके बिहारी के दर्शन नहीं कर पाए हैं.
हर साल की तरह इस बार जन्माष्टमी पर मथुरा और वृंदावन में भक्त मंदिरों में प्रवेश नहीं कर पाएंगे.
इस्कॉन टेंपल से फेसबुक लाइव और एप पर दर्शन करेंगे भक्त
इस्कॉन टेंपल के श्रीराम पंडित ने बताया कि पहले के मुकाबले इस बार जन्मोत्सव की भव्यता और सजावट कुछ कम रहेगी लेकिन उत्साह उतना ही होगा. इस दिन भगवान कृष्ण पांच बार पोशाक धारण करेंगे. बाहर के लोगों का प्रवेश निषेध रहेगा ऐसे में मंदिर के अंदर ही रहने वाले अधिकतम 50 लोग जिनमें सेवाधिकारी और ब्रहृमचारी ही पूजा, अर्चन, अभिषेक, भजन और कीर्तन में शामिल होंगे. बाहर के सभी दरवाजे बंद रहेंगे. छह फुट की दूरी का पालन होगा. सभी अंदर के भक्तों को मास्क पहनना होगा.
वे कहते हैं कि पहले हजारों लोग आते थे लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा. ऐसे में मंदिर ने सभी भक्तों के लिए व्यवस्था की है. इस दिन फेसबुक लाइव, यूट्यूब और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जन्मोत्सव के आयोजनों की तस्वीरें शेयर की जाएंगी. वृंदावन डॉट टीवी एप्लिकेशन पर लाइव होगा. इसके साथ ही जो अभिषेक स्पांसर करेंगे उनके हिस्से का अभिषेक भी मंदिर के पुजारी ही करेंगे.
हर साल की तरह जन्माष्टमी पर इस बार मंदिरों में नहीं मिलेगा प्रवेश. (प्रतीकात्मक फोटो)
गोकुल, अन्य मंदिरों में भी भक्तों के प्रवेश पर है रोक
गोकुल, नंदगांव सहित मथुरा-वृंदावन के राधावल्लभ मंदिर, राधारमण मंदिर, राधा दामोदर, रंगनाथ मंदिर, प्रेम मंदिर, सेवाकुंज और निधिवन सहित अन्य मंदिरों में भी भक्तों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है. यहां तक कि स्थानीय लोग भी इस बार मंदिरों में जाकर पूजा-अर्चना नहीं कर पाएंगे. हालांकि मंदिरों के अंदर जन्मोत्सव के सभी आयोजन होते रहेंगे.
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