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Kanpur Shootout: अक्टूबर 2017 में लखनऊ पुलिस ने विकास के एनकाउंटर की तैयारी कर ली थी, लेकिन उस वक्त जानकारी लीक हो गई थी.
एसटीएफ और पुलिस में समन्वय की कमी से बच निकला था विकास
उन्नाव की उस लेडी डॉन की जानकारी से पहले किसी को नहीं पता था कि वह लखनऊ में रहता है. विकास दुबे की लखनऊ में होने की सूचना पर पुलिस ने उसे ढेर करने का प्लान बनाया था, लेकिन इसी बीच एनकाउंटर की प्लानिंग लीक होकर एसटीएफ को मिल गई. उस वक्त भी मुखबिरी खाकी से ही हुई थी. प्लानिंग लीक होने के बाद अक्टूबर 2017 में एसटीएफ विकास को एक 30 स्प्रिंगफील्ड राइफल के साथ गिरफ्तार करती है और जेल भेज देती है. उस वक्त भी अगर पुलिस और एसटीएफ के बीच बेहतर समन्वय होता तो शायद eight पुलिसकर्मियों की शहादत न होती.
30 स्प्रिंगफील्ड राइफल से चलाई गोलीबताया जा रहा है कि 2 जुलाई की रात विकास दुबे ने 30 स्प्रिंगफील्ड राइफल से पुलिसकर्मियों पर फायर किया था. विकास 30 स्प्रिंगफील्ड राइफल का शौकीन था और हमेशा उसे अपने साथ रखता हैं. पुलिस सूत्रों के मुताबिक अक्टूबर 2017 में एसटीएफ ने विकास दुबे को लखनऊ के कृष्णानगर से गिरफ्तार किया था. उस वक्त पुलिस को उसके पास 30 स्प्रिंगफील्ड राइफल बरामद हुई थी. पुलिस ने राइफल को जब्त कर लिया था, लेकिन अप्रैल 2018 में ये राइफल कोर्ट के आदेश पर रिलीज की गई थी.
सूत्रों के मुताबिक भाई के नाम पर बने लाइसेंस पर विकास ने ये राइफल खरीदी थी. वहीं फर्जी कागजातों से लाइसेंस बनवाने का भी शक पुलिस को उस पर है. यही 30 स्प्रिंगफील्ड राइफल विकास दुबे हमेशा अपने पास रखता था. 2 जुलाई की रात इसी राइफल से विकास ने पुलिस टीम पर फायरिंग शुरू की थी.
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