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भारत-नेपाल मैत्री संघ (Nepal-India Friendship Association) के संस्थापक ताराचंद धानुका ने बीते दिनों सीमा पर हुई गोलीबारी में एक युवक के घायल होने की घटना को अफसोसनाक बताते हुए कहा कि मामले की उचित जांच हो.
किशनगंज जिले के ठाकुरगंज के वरीय नागरिक और भारत-नेपाल मैत्री संघ के संस्थापक ताराचंद धानुका ने बीते दिनों सीमा पर हुई गोलीबारी में एक युवक के घायल होने की घटना को अफसोसनाक बताते हुए कहा कि मामले की उचित जांच हो ताकि दोषी चिन्हित हो सके और आगे ऐसे हालात न बनें. फिलहाल किशनगंज पुलिस ने पहली नजर में हड़बड़ी के बीच युवक की ओर से उठाये गए कदम की बात पर जांच किये जाने की बात आ चुकी है.
ताराचंद धानुका कहते हैं कि संबंधों को बनाने में काफी वक्त लगा है जिसे बिगाड़ने की भूल किसी ओर से नहीं होनी चाहिए. धानुका के मुताबिक नेपाली जनता भारत के साथ थी और है रहेगी भी. महज कम्युनिस्ट लोग या माओवादी विचार के लोग इसे बिगाड़ नहीं सकते.
वे पुरानी बातों को याद करके कहते हैं कि राजशाही के विरोध को किसी तरह का समर्थन देना भारत की बड़ी बड़ी भूल थी. धानुका बताते हैं कि नेपाल सीमा पर घुसपैठ की समस्या बढ़ी है और बांग्लादेशी घुसपैठी लोग सीमा पर बसे गए हैं जो अपराध को बढ़ाते हैं. पशु तस्करी को बढ़ावा देते हैं जो सार्वजनिक तथ्य और सत्य है.धानुका के मुताबिक नेपाल के साथ मैत्री के सम्बन्ध कभी नहीं बिगड़ेगा और इसका पता नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली को जल्द ही चल जाएगा. नेपाल को वे बहुत दिन तक चीन के साथ साथ नही रख पाएंगे.
धानुका के मुताबिक अगर नेपाल में आज के दौर में चुनाव हो जाये तो ओली 75 प्रतिशत वोट से हारेंगे.
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