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फर्जी शिक्षकों (Fake Teachers) के सरकारी नौकरी करने की खबर पर शासन की तरफ से एसआईटी का गठन किया गया है, जो संदिग्ध शिक्षकों के सर्टिफिकेट की जांच कर रही है.
फर्जी शिक्षकों के सरकारी नौकरी करने की खबर पर शासन की तरफ से एसआईटी का गठन किया गया है, जो संदिग्ध शिक्षकों के सर्टिफिकेट की जांच कर रही है. इसी दौरान ऊधम सिंह नगर में अभी तक 32 शिक्षक जांच के दायरे में आ चुके हैं. इनमें से 19 पहले ही बर्खास्त किए जा चुके हैं. अभी तक कुल 26 शिक्षक बर्खास्त हो चुके हैं.
मिलेगा तीन सुनवाईयों का मौका
हालांकि, फर्जी डिग्री और स्कूल सर्टिफिकेट लगाने के आरोपी सभी शिक्षकों को शिक्षा विभाग तीन सुनवाइयों का मौका देगा, ताकि आरोपी शिक्षक अपना पक्ष रख सकें. और उनके खिलाफ किसी तरह का कोई अन्याय न हो. ऊधम सिंह नगर के डीईओ (बेसिक) अशोक कुमार के मुताबिक, फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर नौकरी पाने वाले सात शिक्षकों को गुरुवार को बर्खास्त किया गया है. अब तक इस फर्जीवाड़े में कुल 26 शिक्षकों को बर्खास्त किया जा चुका है.गदरपुर और सितारगंज में हुआ गड़बड़झाला
एसआईटी और विभागीय जांच के दायरे में सबसे अधिक 10 शिक्षक गदरपुर और eight शिक्षक सितारगंज ब्लॉक के हैं. इनके अलावा बाजपुर के 7, जसपुर, खटीमा और रुद्रपुर के दो-दो और काशीपुर के एक शिक्षक पर लगे आरोप सही पाए गए हैं.
इन शिक्षकों को किया गया बर्खास्त
प्राथमिक विद्यालय रामजीवनपुर, जसपुर में तैनात शिक्षक हरगोविंद सिंह के हाईस्कूल और इंटरमीडिएट प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए. इसी तरह प्राथमिक विद्यालत तिलियापुर, सितारगंज के शिक्षक माखन मंडल और प्राथमिक विद्यालय बसंतीपुर, गदरपुर में शिक्षक काकुली मंडल का जाति प्रमाण पत्र गलत है. प्राथमिक विद्यालय मिदनापुर, गदरपुर के शिक्षक हेमराज सिंह, प्राथमिक विद्यालय झुन्नी, गदरपुर के शिक्षक महेश चंद्र और प्राथमिक विद्यालय अलखदेवी, गदरपुर के बीटीजी प्रमाणपत्र फर्जी निकले हैं. साथ ही प्राथमिक स्कूल नौगवा, रुद्रपुर के शिक्षक मंसूर अहमद तो इंटरमीडिएट भी फर्जी तरीके से किए हुए हैं.
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