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खगड़िया में कोशी (Koshi) और बागमती (Bagmati) नदियों में जलस्तर बढ़ने से छह प्रखंडों अलौली, बेलदौर, खगड़िया, मानसी, गोगरी और चौथम के 55 गांवों में बाढ़ (Flood) के हालात पैदा हो गये हैं.

खगड़िया. बिहार के खगड़िया जिले में कोशी (Koshi) और बागमती नदी (Bagmati River) खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं. दोनों नदियों में जलस्तर बढ़न से जिले के छह प्रखंडों अलौली, बेलदौर, खगड़िया, मानसी, गोगरी और चौथम के 55 गांवों में बाढ़ (Flood) के हालात पैदा हो गये हैं. इन गावों तक पहुंचने के लिए प्रशासन ने 36 नावों की व्यवस्था की है. साथ ही बाढ़ प्रभावित ग्रामीणों के बीच पॉलीथीन सीट का भी वितरण किया गया है. प्रशासन की ओर से कम्युनिटी किचन की भी तैयारी कर ली गई है.

फसल की क्षति के आकलन में जुटा कृषि विभाग

खगड़िया में मक्का का फसल बाढ़ के कारण सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है. जिला कृषि पदाधिकारी के दवारा बाढ़ प्रभावित इलाकों में फसल के नुकसान के आकलन का निर्देश दिया गया है. एडीएम ने बताया कि नुकसान के आकलन के पीड़ित किसानों को इसके बदले मुआवजा दिया जाएगा.

खतरे के निशान से ऊपर बह रहीं नदियां जलसंसाधन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार खगड़िया में कोशी और बागमती नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. वहीं गंगा नदी के जलस्तर में भी लगातार वृद्धि हो रही है. गंगा में आई बाढ़ के कारण हर साल जिले के सदर प्रखंड के कई पंचायतों के लोगों को एनएच-31 पर शरण लेना पड़ता है.

पशुपालकों को भी होती है परेशानी

नदियों में जलस्तर बढ़ने से पूरा दीयरा इलाका बाढ़ के पानी से जलमग्न हो जाता है, जिसके कारण पशुपालकों के सामने पशुचारा का संकट पैदा हो जाता है. ऐसे में हजारों की संख्या में पशुपालक अपने मवेशियों के साथ ऊंचे स्थानों पर पलायन करते नजर आते हैं.



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