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तेजस्वी यादव (Tejaswi yadav) ने एक वीडियो ट्वीट में लिखा, 264 करोड़ की लागत से बने पुल के ढहने से पहले ग्रामीणों ने आगाह किया था, लेकिन भ्रष्टाचारी नीतीश सरकार की कहां आंख खुलने वाली थी?

पटना. सत्तर घाट के पास छोटे पुल की पहुंच पथ (Approach Road) ध्वस्त होने के मामले में तीन एफआईआर दर्ज की गई है. बिहार राज्य पुल निर्माण निगम, ठेकेदार और स्थानीय सीओ ने बैकुंठपुर थाना में ये प्राथमिकी दर्ज करवाई है. आरोप ये है कि बाढ़ से कटाव निरोधी काम को रोका जा रहा था. काम मे बाधा डालने और लॉकडाउन (Lockdown) के बावजूद प्रदर्शन करने का भी आरोप है. यहां जो FIR दर्ज हुआ है उसमें ज्यादातर आरोप ग्रामीणों और अन्य लोगों पर लगा है. ग्रामीणों पर एफआईआर दर्ज किए जाने पर आरजेडी नेता व विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejaswi yadav) ने तीखी प्रतिक्रिया दी है.

आरजेडी नेता ने एक वीडियो ट्वीट में लिखा, 264 करोड़ की लागत से बने पुल के ढहने से पहले ग्रामीणों ने आगाह किया था, लेकिन भ्रष्टाचारी नीतीश सरकार की कहां आंख खुलने वाली थी? पुल ढहेगा तभी ना भ्रष्टाचार करेंगे? वीडियो देखिए. अब निर्लज्ज भ्रष्ट सरकार ग्रामीणों पर ही केस दर्ज कर रही है कि वो मीडिया को सच क्यों बता रहे है?

बता दें कि छोटे पुल का एप्रोच सड़क ढहने के मामले में तीन अलग-अलग एफआईआर लिखी गई है. बैकुंठपुर थाने में सीओ, ठेकेदार और पुल निगम के इंजीनियर ने एफआईआर दर्ज कराई है. सीओ ने जिला परिषद सदस्य रवि रंजन उर्फ विजय बहादुर के साथ समर्थकों पर लॉकडाउन तोड़ने की एफआईआर दर्ज कराई है.

जाहिर है सवाल उठ रहा है कि आखिर जो अधिकारी-कर्मी या फिर एजेंसी इस अप्रोच रोड के टूटने के लिए जिम्मेदार है उनपर अब तक कोई एफआईआर क्यों नहीं हुई? खबर लिखे जाने तक गोपालगंज (Gopalganj) में बैकुंठपुर के सत्तर घाट महासेतु के अप्रोच रोड टूटने के दो दिन के बाद भी जहा कार्य एजेंसी या संवेदक की लापरवाही को लेकर कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं कराई गयी. और न ही जिला प्रशासन के द्वारा कोई जांच की घोषणा की गयी.



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