[ad_1]

रुद्रपुर के विधायक राजकुमार ठुकराल भी तत्कालीन SSP के ख़िलाफ़ विशेषाधिकार हनन का नोटिस देने की बात कर रहे हैं.

ऊधम सिंह नगर. ​ऊधम सिंह नगर ज़िले की किच्छा विधानसभा से बीजेपी विधायक राजेश शुक्ला और ज़िले के डीएम नीरज खैरवाल के बीच उठा विवाद बढ़ता जा रहा है. विधायक शुक्ला ने विधानसभा अध्यक्ष को एक चिठ्ठी लिखी है. जिसमें डीएम के व्यवहार की शिकायत की गई है. साथ ही आने वाले विधानसभा सत्र में डीएम के खिलाफ विशेषाकाधिकार हनन का मामला लाने की बात लिखी है. इसके बाद पिछले हफ़्ते का यह मामला फिर तूल पकड़ गया है.

विधायक जी आपकी यादाश्त ठीक नहीं है  

17 जुलाई को ऊधम सिंह नगर ज़िले में प्रभारी मंत्री मदन कौशिक रुद्रपुर में अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के साथ एक बैठक कर रहे थे. इसमें बीजेपी विधायक राजेश शुक्ला ने अधिकारियों और विशेषकर ज़िलाधिकारी के काम करने के तरीके पर सवाल उठाते हुए कहा था कि उनकी विधानसभा में कोई काम नहीं हो रहे. उन्होंने ज़िले की खराब स्वास्थ्य व्यवस्था का भी मुद्दा उठाया था. प्रभारी मंत्री के सामने विधायक शुक्ला ने यहां तक कह डाला था कि सरकार का कोई माई-बाप नहीं है और सरकारी अधिकारी उनकी कोई बात नहीं सुनते.

विधायक शुक्ला के मुताबिक वो अपनी विधानसभा की खराब सड़कों और ज़िले की स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर अपनी शिकायत रख रहे थे. इसी दौरान डीएम नीरज खैरवाल ने विकास कार्य होने की बात करते हुए विधायक जी की यादाश्त पर सवाल उठा दिए. शुक्ला के मुताबिक डीएम ने कहा, “विधायक जी आपकी यादाश्त ठीक नहीं है. आपकी विधानसभा में बहुत विकास कार्य हुए हैं.”डीएम की ये बात सुनते ही विधायक शुक्ला का पारा चढ़ गया और वह बैठक से उठकर चलते बने. हालांकि प्रभारी मंत्री मदन कौशिक ने उन्हें रोकने की कोशिश की लेकिन विधायक नहीं माने और बैठक अधूरी छोड़ बीच में ही चलते बने.

जनप्रतिनिधियों की बात सुननी चाहिए

बाद में मंत्री मदन कौशिक ने विधायक की नाराज़गी को ठीक करार देते हुए कहा था कि अधिकारियों को जन प्रतिनिधियों की बात सुननी चाहिए और उसका सकारात्मक समाधान निकालना चाहिए. तब से यह विवाद सुलझने का नाम नहीं ले रहा और आज विधायक की विधानसभा अध्यक्ष को चिट्ठी से इसके और तूल पकड़ने की संभावना है.

किच्छा से विधायक राजेश शुक्ला अपनी ही सरकार में बार-बार धरने दे रहे हैं. सबसे पहले विधायक शुक्ला किच्छा शुगर मिल फिर पंतनगर यूनिवर्सिटी और फिर सीएमओ दफ्तर के सामने धरना दे चुके हैं. साथ ही रुद्रपुर-किच्छा को जोड़ने वाली सड़क की मरम्मत को लेकर भी विधायक ने सीएम आवास के बाहर धरने की चेतावनी दे चुके हैं.

दूसरे बीजेपी विधायक भी हैं नाराज़

वैसे ऊधम सिंह नगर ज़िले में जन प्रतिनिधियों की सरकारी अधिकारियों को लेकर नाराज़गी कोई नई बात नहीं है. तकरीबन आठ महीने पहले कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य भी एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान डीएम पर अपनी नाराज़गी ज़हिर कर चुके हैं. उस कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री पहले पहुंच गए थे और उसके आधे घंटे बाद डीएम साहब कार्यक्रम में पहुंचे.

आधा घंटे तक डीएम का इंतज़ार करने से यशपाल आर्य को भी गुस्सा आ गया था वह सार्वजनिक रूप से कहते हुए सुने गए थे कि प्रोटोकॉल का ध्यान रखिए.

इसके अलावा लॉकडाउन के दौरान रुद्रपुर के विधायक राजकुमार ठुकराल के दो गनर तत्कालीन एसएसपी बरिंदरजीत सिंह ने हटा लिए गए थे जिसका विधायक ठुकराल ने कड़ा विरोध किया था. ठुकराल भी तत्कालीन एसएसपी के ख़िलाफ़ विशेषाधिकार हनन का नोटिस देने की बात कर रहे हैं. इसके अलावा रुद्रपुर नगर निगम के आयुक्त के खिलाफ बीजेपी पार्षद सार्वजनिक रूप से इस्तीफा तक दे चुके हैं.



[ad_2]

Source