[ad_1]
चोरी, छिनैती, रोबरी और डकैती में क्या अंतर?
बीते शनिवार को ही इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्पेशल कोर्ट (डकैती) कानपुर द्वारा तीन अभियुक्तों की डकैती की धाराओं में सुनाई गई सजा को रद्द करते हुए सभी को बरी कर दिया. हाईकोर्ट ने कहा का इस मामले में अभियोजन पक्ष यह साबित नहीं कर पाया कि घटना में पांच या उससे अधिक लोग शामिल थे. बचाव पक्ष का कहना था कि अधीनस्थ अदालत ने यह साबित नहीं किया है कि तीन के अलावा अन्य लोग भी शामिल थे. ऐसे में डकैती के अपराध में सजा सुनाना गलत है.
अदालत में 5 या उससे अधिक लोगों की संलिप्तता साबित नहीं होती है तो यह डकैती के मामले नहीं बनते. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
पुलिस अधिकारी क्या कहते हैं
दिल्ली पुलिस के पूर्व ज्वाइंट कमिश्नर एसबीएस त्यागी चोरी, डकैती, छिनैती और रोबरी की परिभाषा बताते हुए कहते हैं, ‘ताकत का इस्तेमाल करते हुए अगर किसी से कुछ सामान छिना जाता है तो उसे रोबरी कहते हैं. रोबरी में एक आदमी भी हो सकता है, दो आदमी भी हो सकता है, तीन और चार आदमी भी हो सकता है, लेकिन ज्यों ही पांच आदमी होंगे या उससे ज्यादा होंगे तो वह डकैती में आ जाता है. आईपीसी में डकैती को परिभाषित किया गया है कि उसमें पांच या पांच से अधिक आदमी होने चाहिए. डकैती कोर्ट में अगर मुकदमा चल रहा था तो अभियोजन पक्ष को साबित करना पड़ेगा कि उसमें पांच या पांच से ज्यादा लोग संलिप्त थे और उन्होंने ताकत का इस्तेमाल कर किसी की संपत्ति से बेदखल कर दिया.’
डकैती और रोबरी में क्या है मामूली अंतर
त्यागी कहते हैं, ‘डकैती कोर्ट में सिर्फ डकैती के मामले की ही ट्राइल चलती है. एफआईआर में डकैती की धरा लग गई होगी और जब ट्राइल हुआ होगा तो पुलिस ने पांच आदमी को मुल्जिम नहीं बनाया होगा. पांच आदमी को अगर मुल्जिम नहीं बनाया जाता है तो यह धारा घट कर रोबरी में परिवर्तित हो जाता है. तब डकैती कोर्ट इस मामले को ट्रायल नहीं करेगा. इस मामले को दूसरे कोर्ट में ले जाया सकता है. इसको आप इस रूप में समझें. अगर किसी महिला को कोई बीमारी है तो अमूमन उस महिला को गायनेकोलॉजिस्ट के पास ही ले जाया जाता है. जब महिला गायनेकोलॉजिस्ट के पास जाती है तो उसके बीमारी से पता चलता है कि उसे तो हार्ट की समस्या है. क्योंकि हार्ट के मरीज को गायनेकोलॉजिस्ट तो देखेगी नहीं. इसलिए अब उस महिला को आपको ले जाना होगा किसी हार्ट के डॉक्टर के पास. इसी तरह अगर कोई मामला डकैती कोर्ट में पुहंचा है तो मामला भी डकैती कोर्ट का ही होना चाहिए.’
डकैती कोर्ट में सिर्फ डकैती के मामले की ही ट्राइल चलती है.
रोबरी और डकैती में फर्क
बता दें कि रोबरी और डकैती में फर्क इतना होता है कि अगर चार आदमी है तो वह रोबरी हो गया और अगर पांच आदमी या उससे ज्यादा है तो वह डकैती का मामला बन जाता है.
जानें चोरी की परिभाषा
आपकी मर्जी के वगैर और आपके जाने वगैर किसी ने आपका सामान अपना बना लिया. इसका तब पता चलेगा जब चोर पकड़ा जाएगा. अगर आप घर में सो रहे हैं या नहीं हैं. आपको पता नहीं है कि हमारा सामान कौन ले गया. यह मामला चोरी में आएगा.
छिनैती और रोबरी/लूट में क्या अंतर
आपके जानकारी में ही आपके किसी सामान को कोई आदमी बलपूर्व अपना बना लिया. मान लीजिए आपके जेब में पर्स है और किसी ने आपसे कहा कि पर्स दे दो नहीं तो चाकू मार दूंगा या चाकू मार कर आपका सामान ले लिया. यह मामला रोबरी में आता है. जहां पर बल का इस्तेमाल हुआ वह रोबरी कहलाता है, चाहे एक आदमी रहे, दो आदमी रहे या तीन-चार आदमी रहे. यही अगर पांच आदमी होगा या उससे अधिक होगा तो कनवर्ट हो कर डकैती में आ जाएगा.
ये भी पढ़ें: बड़ी राहत- लीगल मेट्रोलॉजी एक्ट में बदलाव की तैयारी, कारोबारियों को नहीं होगी होगी जेल की सजा
छिनैती-मान लीजिए आप रास्ते में चल रहे हैं. कोई आ कर आपके गले से चेन छीन कर भाग गया. आपको तब पता चला जब वह चैन छीन कर भाग गया. आपको विरोध करने का या फोर्स करने का मौका नहीं मिला. यह छिनैती कहलाता है. कायदे से यह भी रोबरी में आता है, लेकिन इसमें आपको फोर्स इस्तेमाल करने का मौका नहीं मिला इसलिए यह छिनैती में आ जाएगा.
[ad_2]
Source